“हमारा स्वाभिमान हमारी बेटियाँ”

नेशनल चैम्बर आॅफ इण्डस्ट्रीज एण्ड काॅमर्स द्वारा सोमवार को ‘‘चैम्बर सभागार’’ में ‘‘हमारा स्वाभिमान-हमारी बेटियां’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन अग्रवाल महिला मंच के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।  संगोष्ठी के दौरान रूबी अग्रवाल द्वारा निर्मित ‘‘हमारी बेटियां’’ नामक एक संक्षिप्त शाॅर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया जिसमें दिखाया गया है कि यदि हम बेटी को पढ़ाते हैं तो हमारी बेटी एक दिन हमारा स्वाभिमान बनकर समाज की सेवा करती है। समाज आज के दौर में बेटियां बड़े-2 औहदों पर अपनी अमिट क्षाप छोड़ेते हुए देश की सेवा में अनवरत लगी हुई है। इसलिए बेटी बोझ नहीं हमारी स्वाभिमान है। 
इस अवसर पर संगोष्ठी में उपस्थित विभिन्न महिला संगठनों की अध्यक्षाओं/संस्थापकों ने बेटियों के संबध में अपने विचार रखे। शिवा आगरा की संस्था पर श्रीमती सुमन गोयल ने कहा कि बेटियों के लिए अच्छा सोचेंगे तो वे अच्छा करेंगी। बेटिया दो परिवारों का नाम रोशन करतीं है। अग्रवाल महिला मंच की संरक्षक डाॅ0 सुमन बंसल ने व्यक्त किया कि 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र की है। उनकी सोच बदलने की आवश्यकता है। ताज लिटलेचर क्लब की अध्यक्षा भवना शर्मा ने शाॅर्ट फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि हर महिला को अपने आस-पास गलत को सही करने का प्रयास करना चाहिए। अपराध आज चर्म सीमा पर हैं फिल्म में शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है यदि शिक्षा आ गई तो सभी सामाजिक बुराईयां दूर हो जाएगी। बाबू गुलाब राय स्मृति संस्थान की कार्यकारी अध्यक्ष प्रो0 डाॅ0 शशी तिवारी ने बेटियों को समस्या नहीं बताया उन्होंने बेटियों के लिए निम्न पंक्तियों में व्यक्त किया:-
बेटियां परिवार का श्रृंगार होती हैं, बेटियां सच्चाई का संसार होती हैं।
बेटों से बढ़कर प्यार करती हैं,  बेटियां जीवन का एक उपहार होती हैं।।
इसी प्रकार कन्या भ्रूण हत्या की समस्या पर उन्होंने बताया कि यह समस्या दहेज की समस्या से जुड़ी हुई है। अतः समाज का दहेज का बहिष्कार किया जाए। कन्या भू्रण द्वारा हत्या से पूर्व जो भवना व्यक्त की गई वह इस प्रकार हैः-
म रत्न हैं कोयले की तरह गालिब नहीं, इतनी ग्रहणा हमारे लिए पालो नहीं।
हम जन्म लेकर अपना सहारा बनेंगे, हमको जन्म से पहले आप मारों नहीं।।
अग्रवाल महिला मण्डल की अध्यक्षा मंजू अग्रवाल ने बताया कि बेटियों को आत्मरक्षा एवं स्वाभिलम्ब बनाने का प्रयास किया जाए। बेटी बचाओं की पदाधिकारी किरन सिंह ने व्यक्त किया कि यह मिशन 2015 से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया। लेकिन अबतक 7 प्रतिशत बेटियों को ही बचा सके हैं। महिला कल्याण प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन डाॅ0 रीता अग्रवाल ने बेटियों को दूसरे घर में मर्यादा में रहने के लिए माता पिता को संस्कार देने पर जोर दिया। अग्रवाल महिला मंच जनपद आगरा की संस्था पर उर्मिला अग्रवाल ने बेटियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि राजा तो केवल देश में जाना जाता है लेकिन विद्धान सभी जगह जाने जाते हैं व पूजे जाते है। 
संगोष्ठी में ‘‘सुश्री बीनू,आई.आर.एस, आयकर उपायुक्त, आगरा’’ मुख्य अतिथि  के रूप में मौजूद रही। उनके द्वारा प्रेरणा दी गई कि प्राचीन काल से ही भारत में महिलाऐं बिदुषी के रूप में अग्रणी रही हैं। उन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए स्वतन्त्र होना चाहिए। पाॅवर स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्कारों को बदला जाए। वर्तमान में हमारा पूरा समाज बीमार हो चुका हैं। समाज को काउसिंलिग की जरूरत है। नारे जयकारे से काम नहीं चलेगा। जमीन पर काम करना होगा। समाज की मानसिकता बदलने की जरूरत है।
तिरे माथे पे ये आॅचल तो बहुत खूब है लेकिन, तू इस आँचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था। 
विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारी उप आयकर आयुक्त, आगरा श्रीमती ज्योतषना देवी ने भी बेटियों के प्रति अपने विचार व्यक्त किये। 
चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी ने बेटियों की पराकाष्टा को उदाहरणों के साथ प्रस्तुत करते हुए समाज को संदेश दिया। 
धन्यवाद ज्ञापन चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा जी द्वारा दिया गया और मुख्य अतिथि महोदया से पुनः इस प्रकार की संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करने के लिए अनुरोध किया। 
संगोष्ठी के दौरान चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी उपाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, विनय मित्तल, कोषाध्यक्ष सुनील सिंघल, मीडिया प्रभारी अनूप जिन्दल के अलावा अग्रवाल महिला संगठन की मंजू अग्रवाल, अग्रवाल महिला मंच से सुजाता अग्रवाल रजनी अग्रवाल, बीना सिंघल- मीडिया प्रभारी, खण्डेलबाल मंच की अध्यक्षा रानी खण्डेलवाल, अग्रवाल महिला मंच की महासचिव, नवनिर्माण संस्था की संस्थापक सरोज गौड़, शिवशक्ति महिला मंडल से ज्योति अग्रवाल, इन्दु सारास्वत, शालिनी जैन, रेखा जैन, आदि मौजूद थी।