दिनांक 15 मई 2018 को दिन मंगलवार को चैम्बर सभागार में चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी की अध्यक्षता में आयकर अधिनियम की धारा 285 बीए के अन्तर्गत संशोधनों व उनके प्रभावों पर विस्तार पूर्वक जानकारी एक संगोष्ठी के माध्यम से की गई। संगोष्ठी का संचालन आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा जी द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता सीए. श्री महेश अग्रवाल एवं श्री अनिल वर्मा द्वारा संशोधनों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सीए. श्री महेश अग्रवाल ने कानूनी जटिलताओं पर चर्चा की। उनके साथ आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा जी ने भी चर्चा में सदस्यों को सम्बोधित किया। संगोष्ठी में बताया गया कि पूर्व में एआईआर के माध्यम से सूचना देनी होती थी। किन्तु अब एक 1-4-2016 से अधिनियम में परिवर्तन करते हुए इसमें सूचना देने के लिए एसएफटी नियम 114ई के अन्तर्गत वित्तीय लेनदेनों को रिपोर्ट करना होगा। यह प्रावधान करदाता, सरकारी विभाग, लोकल आॅथरिटी सब रजिस्ट्रार या मोटर व्हिकल रजिस्ट्रार, पोस्ट मास्टर जनरल एवं जिलाधिकारी पर लागू होगा। जिन पर यह कानून लागू होगा उनको अपना अलग से पंजीकरण कराना होगा।
निम्न वित्तीय लेन देनों अर्थात बैंक द्वारा 10 लाख रू0 अथवा अधिक के वर्ष भर में एक व्यक्ति द्वारा नकदी द्वारा बैंक ड्राफ्ट या पे आॅर्डर लेने पर, चालू खाते में वर्ष भर में 50 लाख जमा अथवा निकालने पर, बचत खाते में वर्ष भर में 10 लाख से ऊपर अपने बैंक खाते में जमा करने पर, 10 लाख रू0 से ऊपर की भिन्न-भिन्न एफडीआर बनबाने पर चाहे वह चैक से हो या फिर 1 लाख से ऊपर की हो। के्रडिट कार्ड का पेमेन्ट 1 लाख रू0 से अधिक नकद करने अथवा 10 रू0 वर्ष भर में भुगतान करने पर बैंकिंग कम्पनी को इसके बारे में रिपोर्ट करना होगा। इसी प्रकार 10 लाख से ऊपर के वर्ष भर में खरीदेे गए त्रणपत्र, शेयर, म्यूचल फंड, बाई बैक आॅफ शेयर पर कम्पनियों को इसे रिर्पोट करना होगा। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा का लेनदेन करने वाले व्यापारियों को किसी ग्राहक से वर्ष भर में 10 लाख रू0 से ऊपर की करेंसी बेचने पर या खरीदने पर रिपोर्ट करना होगा।
अचल सम्पत्ति 30 लाख या अधिक की किसी व्यक्ति द्वारा बेचने पर, सब रजिस्ट्रार को सूचना देनी होगी। वे व्यक्ति जिनका आॅडिट धारा 44 एबी के अन्तर्गत होता है, उनको वर्ष भर में किसी एक व्यक्ति को 10 लाख रू0 की नकद बिक्री अथवा सेवाऐं देने पर आॅडिट व्यक्त् िको सूचना देनी होगी।
धारा 269एसटी के अन्तर्गत यदि कोई 2 लाख से ऊपर से एक व्यक्ति से एकल लेनदेन में लेने पर उस रकम का 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा।
Due Date of Filing SFT Record or Information:- . इस सूचना को प्रपत्र 61ए में 31 मई 2018 या इससे पूर्व जमा किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस फार्म के माध्यम से एसएफटी सूचना नहीं देता है तो विभाग नोटिस देकर इसे 30 दिन में भरने का निर्देश दे सकता है।
धारा 271एफए के अन्तर्गत यदि 61ए 31 मई तक जमा नहीं होता है तो उसे 100रू0 प्रतिदिन का जुर्माना देना होगा। यदि विभाग के नोटिस देने के बाद भी फार्म 61ए जमा नहीं किया जाता है तो 500 रू0 प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि फार्म भरने में कोई त्रुटि हो गई है तो उसे 10 दिन में ठीक किया जा सकता है लेकिन यदि विभाग ने कोई त्रुटि इंगित की है तो उसे 30 दिन में सही करना होगा। नहीं तो 50 हजार रू0 का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बैठक में उपस्थित चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा, उपाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, उपाध्यक्ष विनय मित्तल, पूर्व अध्यख राजकुमार अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, प्रदीप कुमार वाष्र्णेय, योगेन्द्र सिघल, प्रमोद अग्रवाल, सदस्यों में अनिल अग्रवाल(फ्रैन्डस), मुनीष गुप्ता, अनूप गोयल, विजय गुप्ता, राजेन्द्र गर्ग, श्याम सुन्दर अग्रवाल, रूप किशोर अग्रवाल, वीरेन्द्र गुप्ता, पराग सिंघल, श्याम मोहन गुप्ता, अनिल शाह, अतुल गर्ग, शैलेन्द्र अग्रवाल, श्रीकिशन गोयल, महावीर प्रसाद, पंकज शर्मा, एमजी अग्रवाल, दीपक महेश्वरी, मुकेश अग्रवाल, सीपी मिश्रा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।