जीएसटी सम्पूर्ण देश में है एक कानून।

  • जीएसटीएन में पंजीकरण न होने पर पुराने वेट पंजीकरण से होता रहेगा व्यापार।
  • जीएसटी सम्पूर्ण देश में है एक कानून।
  • टैक्स का 100 प्रतिशत मिलेगा क्रेडिट।
  • बिल बनेगा आॅनलाइन।
  • जीएसटी का आज तक नहीं हुआ है। विरोध।
  • दो महीने तक ई वे-बिल चालू न होने तक ई-संचरण व्यबस्था रहेगी जारी।
  • 20 लाख से कम कारोबार होने पर जीएसटी में पंजीकरण आवश्यक नहीं।

दिनांक 28/06/2017 को होटल क्लार्क शिराज में जीएसटी पर एक सेमिनार का आयोजन चैम्बर अध्यक्ष नरिन्दर सिंह, केन्द्रीय उत्पाद, सीमा शुल्क एवं सेवाकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री अमर मित्तल एवं वाणिज्य कर प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री शलभ शर्मा जी की सयुक्त अध्यक्षता में किया गया। सेमिनार में केन्द्रीय उत्पाद, सीमा शुल्क एवं सेवाकर आयुक्तालय, आगरा के आयुक्त महोदय श्री आर.सी सांखला जी एवं वाणिज्यकर विभाग से डाॅ0 बुद्देश मनि, अपरायुक्त ग्रेड-1 एवं श्री पी.के. सिंह, अपरायुक्त ग्रेड-2 उपस्थित थे। अथेना लाॅ ऐसोसियेटस नई दिल्ली के अधिवक्ता श्री प्रमोद राय जी ने जीएसटी कानून पर एक प्रस्तुति दी।

अथेना लाॅ ऐसोसियेटस नई दिल्ली के अधिवक्ता श्री प्रमोद राय जी ने जीएसटी कानून पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए एलसीडी प्रोजेक्टर के माध्यम से एक प्रस्तुति दी गई। केन्द्रीय उत्पाद, सीमा शुल्क एवं सेवाकर आयुक्तालय, आगरा के आयुक्त महोदय श्री आर.सी सांखला जी ने बताया कि जीएसटी कानून व्यापारियों के लिए एक अत्यन्त सुविधाजनक व्यबस्था है इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। व्यापार में कोई रूकावट नहीं आएगी। व्यापारियों को कोई अतिरिक्त कार्य नहीं करना पड़ेगा। जिन व्यापारियों को पासवर्ड नहीं मिला है या उनका डाटा माइग्रेट नहीं हुआ है। वे रिटर्न दाखिल करने तक पुरोन पंजीकरण से ही व्यापार करते रहेगे। वाणिज्यकर प्रकोष्ठ के अपरायुक्त ग्रेड-1 द्वारा बताया गया कि उनके विभाग द्वारा व्यापारियों की समस्या का समाधान करने के लिए एक प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया है जो प्रातः 8 बजे से सायं तक कार्य करता रहेगा। ई वे-बिल व्यबस्था चालू होने तक ई-संचरण व्यबस्था से व्यापार चलता रहेगा। वाणिज्यकर अपरायुक्त श्री पी.के. सिंह द्वारा यूपी वैट से संबिन्धत प्रश्नों का उत्तर बड़े सूझ बूझ के साथ दिया गया। सभी सदस्य प्रश्नों के उत्तरों से संतुष्ट थे।

कुछ व्यक्तियों के प्रश्न नीतिगत मामले से संबन्धित थे। उसके संबध में अधिकारियों ने बताया कि इन बिन्दुओं को सरकार को अग्रसारित किया जाएगा। कपड़े के व्यापारियों की समस्या के संबध में बताया कि सरकार पहले से ही अवगत है। यदि व्यापारी प्रतिवेदन प्रस्तुत करते है तो उसे सरकार को अग्रसारित कर दिया जाएगा। भविष्य में जिन जिन संशोधनों की आवश्यकता महसूस की जाएगी। उस पर वह स्वतः ही कार्यवाही होती रहेगी।