- व्हाइट कैटेगरी उद्योगों को एक बार एनओसी लेने के बाद दोबारा रिनुअल कराने की आवश्यकता नहीं।
- चैम्बर की मांग पर प्रदूषण बोर्ड ने एमएसएमई इकाईयों के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगी राहत।
- वाइट कैटेग्री उद्योगों को 15 केवी तक ही जेनरेटर की अनुमति।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीटीजेड क्षेत्र में उद्योगों पर रोक के लिए को हटाने हेतु विभाग प्रयासरत।
- भूगर्भ जल विभाग में रजिस्ट्रेशन व एनओसी के लिए वाटर फ्लो मीटर एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आवष्यक।
दिनांक 05 फरवरी, 2025 को सायं 4.00 बजे चैम्बर भवन में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता एवं प्रकोश्ठ चेयरमैन अमित जैन की संयुक्त अध्यक्षता में एक प्रदूषण नियंत्रण प्रकोष्ठ की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसका संचालन प्रकोष्ठ चेयरमैन अमित जैन द्वारा किया गया। बैठक में प्रदूषण विभाग से रीजनल ऑफिसर, उ. प्र. नियंत्रण बोर्ड डाॅ. विश्वनाथ शर्मा एवं वरिष्ठ भू-भौतिकीविद, भूगर्भ जल विभाग शशांक षेखर सिंह, वरिष्ठ अधिकारी सतीश पटेल उपस्थित रहे। प्रकोष्ठ चेयरमैन द्वारा एक नौ बिंदुओं का एक ज्ञापन प्रेषित किया गया।
- व्हाइट कैटेगरी इकाईयों में एनओसी की आवश्यकता क्यों है। अगर है तो किन तथ्यों पर है।
- पूर्व में नियम व्हाइट कैटेगरी एवं ग्रीन कैटेगरी की एनओसी एक बार कराने के बाद दोबारा एनओसी कराने की आवश्यकता नहीं होती थी, क्या अब इस सन्दर्भ के नियम में कोई परिवर्तन आया है।
- क्या एनओसी वन टाइम के लिए मान्य हो सकती है। और किस-किस कैटेगरी इकाइयों में हो सकती है।
- अगर किसी की शिकायत आने पर अगर वह इकाई अपने आप को व्हाइट कैटेगरी इकाई में बताता है और जांच में भी वाइट कैटेगरी इकाई में आता है तो उसका लैंड यूज क्यों पूछा जाता है।
- लैंड यूज की आवश्यकता क्यों है।
- त्रैमासिक सीसीए अनुपालन रिपोर्ट एवं पर्यावरण वक्तव्य कहां से और किस प्रकार से प्राप्त हो सकता है। कृपया इसकी पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीटीजेड पर किस प्रकार की रोक लगी हुई है जिसकी वजह से नये विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। और इस समस्या का क्या समाधान है।
- इकाई को जो भी राहत आपके विभाग द्वारा प्राप्त होती है उसका पूर्ण विवरण देने की कृपा करें।
- भूजल दोहन हेतु उ0 प्र0 भूगर्भ जल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र/रजिस्ट्रेशन के सन्दर्भ में क्या अधिसूचना/आदेश जारी हुए हैं तथा किस-किस इकाईयों द्वारा इसका अनुपालन किया जाना आपेशित है। क्या इसकी कोई समय सीमा भी निर्धारित की गई है। कृपया उचित जानकारी प्रदान करें।
डाॅ. विश्वनाथ शर्मा द्वारा बताया गया कि व्हाइट कैटेगरी उद्योगों को नोटिफाइड एरिया में ही स्थापित किया जा सकता है। उद्योगों को चार कैटेगरी में बांटा गया है रेड, ऑरेंज, ग्रीन और वाइट। शर्मा द्वारा बताया गया कि कोई भी इण्डस्ट्रीज रिहायशी एरिया में नहीं लगाई जा सकती। इंडस्ट्री की एनओसी के लिए प्रदूषण नियंत्रण के लिए कंडीशन एंड कम्प्लाइंस स्टेटस आवष्यक है।
भूगर्भ जल विभाग के शशांक शेखर सिंह द्वारा बताया गया कि व्यक्तिगत घर और घरेलू उपयोग के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए उनके द्वारा सुझाव दिया गया कि अगर आपके परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है तो आप उसी ब्लाॅक किसी सरकारी स्कूल या तालाब को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के द्वारा संचालित कर सकते हैं। जिसमें अगर आवश्यकता हो तो आप विभाग से सुझाव एवं सहयोग ले सकते हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कराने के लिए पूर्ण सहयोग विभाग द्वारा दिया जायेगा।
बैठक में धन्यवाद ज्ञापन संजय गोयल द्वारा दिया गया।
कार्यषाला में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, कोशाध्यक्ष नितेष अग्रवाल, प्रकोश्ठ चेयरमैन अमित जैन, प्रकोश्ठ कार्डिनेटर मनीश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष मनीश अग्रवाल , श्रीकिषन गोयल, सदस्यों में संजय गोयल, मनोज गर्ग, मयंक मित्तल, नरेन्द्र तनेजा, संजय कुमार गोयल, संजय कुमार जैन, सतीष अग्रवाल, विवेक जैन, गोपाल खंडेलवाल, राजेष कुमार गुप्ता, कपिल जैन, अमित मित्तल, हिमाषंू बंसल, अंषुल कौषल, मनीश षर्मा, षिषिर गुप्ता, विजय कुमार गुप्ता, संजय अरोड़ा, जय किषन गुप्ता आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे