- चैम्बर द्वारा श्री रतन टाटा जी को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि ।
- वैश्विक उद्योग मंच पर भारत को प्रतिष्ठा दिलाने वाले उद्योग जगत के महानायक के रूप में किये गये याद।
- कोई क्षेत्र नहीं जहां उन्होंने ऊंचाइयों को प्राप्त नहीं किया हो
- उन्हें Ethics का पर्याय कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं – उनका कोड ऑफ़ कंडक्ट रहा एथिक्स।
- द्वितीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान – पद्म विभूषण से सम्मानित – शायद दूसरा उद्योगपति अभी तक नहीं।
- टाटा परिवार ने नहीं लिया सरकार में कोई पद लेने का लाभ।
टाटा संस के मानद चैयरमैन श्री रतन नवल टाटा के निधन पर पूरे देश व विष्व में शोक की लहर दौड़ रही है। चैम्बर ने भी उनके निधन पर आज चैम्बर भवन में एक शोक सभा आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि श्री रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत में देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अपूर्णनीय हानि हुयी है। आज हम पूरे विश्व के उद्योगपति को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए हैं। उनके जीवन के अनेकों कहानी किस्से हैं। कोई क्षेत्र नहीं जहां उन्होंने ऊंचाइयों को प्राप्त नहीं किया हो। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के उपचार की बराबरी आज भी पूरे उत्तर भारत में कोई नहीं है। टाटा स्टील, तनिष्क गोल्ड का आज भी कोई मुकाबला नहीं। कोरोना काल की महामारी में भी इनके द्वारा बहुत बड़ा योगदान दिया गया। इनके द्वारा देश की प्रगति के लिए सदैव तत्पर रहना तथा गरीबों के इलाज के लिए इनके द्वारा हाॅस्पीटलों का निर्माण और उसमें गरीबों को मुफ्त में इलाज होता है। श्री रतन टाटा जी हम सभी के एक प्रेरणा स्रोत है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें उन्हें सद्गति प्राप्त हो। वे जान रहें खुश रहें और सभी पर अपना आशीर्वाद बनाये रखें।
चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि श्री रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत में देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अपूर्णनीय हानि हुयी है। आज हम पूरे विश्व के उद्योगपति को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए हैं। उनके जीवन के अनेकों कहानी किस्से हैं। कोई क्षेत्र नहीं जहां उन्होंने ऊंचाइयों को प्राप्त नहीं किया हो। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के उपचार की बराबरी आज भी पूरे उत्तर भारत में कोई नहीं है। टाटा स्टील, तनिष्क गोल्ड का आज भी कोई मुकाबला नहीं। कोरोना काल की महामारी में भी इनके द्वारा बहुत बड़ा योगदान दिया गया। इनके द्वारा देश की प्रगति के लिए सदैव तत्पर रहना तथा गरीबों के इलाज के लिए इनके द्वारा हाॅस्पीटलों का निर्माण और उसमें गरीबों को मुफ्त में इलाज होता है। श्री रतन टाटा जी हम सभी के एक प्रेरणा स्रोत है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें उन्हें सद्गति प्राप्त हो। वे जान रहें खुश रहें और सभी पर अपना आशीर्वाद बनाये रखें।
पूर्व अध्यक्ष के के पालीवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किया कि भारत में अनेकों उद्योगपति हुए हैं, अनेकों ने नाम कमाया है किंतु जो सम्मान टाटा परिवार – श्री रतन टाटा जी मिला वह अन्य किसी उद्योगपति नहीं मिला। सबसे बड़ी बात है कि टाटा परिवार ने आज तक कोई सरकारी पद लेने का लाभ नहीं लिया। जितनी ईमानदारी और देश के पार्टी सच्ची श्रद्धा टाटा परिवार में मिली है वह अन्य में नहीं। इंसानियत, भलमनसाहत, राष्ट्र प्रेम जो टाटा परिवार में रहा है जो और किसी अन्य औद्योगिक परिवार में नहीं देखा गया। श्री रतन टाटा जी ने दुनिया को एक शिक्षा दी कि ईमानदारी से भी व्यापार को बुलंदियों पर पहुंचाया जा सकता है। पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल ने व्यक्त किया कि जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ श्री रतन टाटा जी की मिसाल नहीं मिलती है। उनकी यादगार में पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण से सम्मानित वे एकमात्र उद्योगपति है। उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने उन्होंने जीवन सामाजिक संस्थाओं को सहयोग दिया उनसे हमें यह सीख लेनी चाहिए। डॉ. उदय अग्रवाल ने टाटा समूह के साथ अपने 37 वर्ष के अनुभव में बताया कि श्री रतन टाटा जी उनकी भेंट 3-4 बार हुयी थी। ethics शब्द उनके सामने खत्म हो जाता है। उनको Ethics का पर्याय कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। श्री टाटा जी Ethics को कोड ऑफ़ कंडक्ट बनाया था। चैम्बर अध्यक्ष अतुलो कुमार गुप्ता ने कहा कि श्री रतन टाटा जी उनकी सहृदय, सादगी, ईमानदारी, सच्ची श्रद्धा, राष्ट्र प्रेम और विश्व उद्योग जगत में मिसाल के रूप में सदैव याद किये जाते रहेंगे।
दो मिनट का मौन रखकर कर सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष के के पालीवाल, सीता राम अग्रवाल, शलभ शर्मा, योगेश जिंदल, डॉ. उदय अग्रवाल, राज किशोर गुप्ता, गोविन्द प्रसाद सिंघल, गोपाल खंडेलवाल, विपुल अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, रणजीत सामा