- क्षेत्रवार श्रम प्रवर्तन अधिकारियों की सूची शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी – उपश्रमायुक्त आगरा।
- 1 अप्रैल 2024 से 3 अगस्त तक 195 बाल श्रमिक कोई भी कारखाने का नहीं।
- फर्जी संगठनों की शिकायत पर नहीं होगी कोई कार्यवाही।
- श्रम विभाग का पूरा ताना बाना उद्योग हित में।
- सामूहिक निरीक्षण न किये जाने के लिए चैम्बर लिखेगा उच्च स्तर पर।
- निर्माण कार्य में उपकर जमा करने में ही भलाई।
- पोर्टल पर पंजीकरण की समस्या का निराकरण किया जा रहा है मुख्यमंत्री कार्यालय से।
दिनांक 03 अगस्त, 2024 को सायं 5 बजे चैम्बर भवन में श्री राकेश द्विवेदी, उपश्रमायुक्त, आगरा मंडल, आगरा के साथ चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन श्रम कल्याण प्रकोष्ठ के चेयरमैन नरेन्द्र तनेजा द्वारा किया गया। श्रम विभाग से दो सहायक आयुक्त श्रीमती शुगन ओमर एवं संजय कुमार सिंह तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रवीण चन्द्र दत्त, सुयश पांडे एवं एस एस त्यागी भी उपस्थित थे। उपश्रमायुक्त महोदय को श्रम समस्याओं से सम्बन्धित एक 12 सूत्रीय प्रतिवेदन प्रेषित किया गया।
उपश्रमायुक्त महोदय ने सभी बिन्दुओं को गंभीरतापूर्वक सुना और कहा कि सभी श्रम प्रवर्तन अधिकारियों की सूची उनके द्वारा कार्यालय से भेज दी जायेगी। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2024 से 3 अगस्त 2024 तक 195 बाल श्रमिकों में कोई भी फैक्ट्री का नहीं पाया गया। उन्होंने आश्वस्त किया कि फर्जी संगठनों की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग का पूरा ताना बाना उद्योग हित में है। जिससे की उद्यमियों को अधिक से अधिक उत्पादन मिले। सेवायोजकों और मजदूरों के मध्य उन्होंने आपसी सहमति से कई विवाद निस्तारित कराये हैं। उन्होंने आष्वस्त करते हुए कहा कि उद्यमियों का उत्पीड़न करने की विभाग की कोई मंषा नहीं है और न उत्पीड़न किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा आकस्मिक सामूहिक निरीक्षण कराये जा रहे हैं। उसमें किसी उद्यमी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इन निरीक्षणों को सरकार फेसलेस करने जा रही है। यह कार्य प्रक्रिया के अंतर्गत है। उद्यमियों की ओर से यह पूछा गया कि एक मजदूर संघ द्वारा 94 कारखानों को नोटिस भेजा है। क्या यह संभव है कि सभी 94 कारखानों में एक जैसी समस्या हों। इस पर महोदय ने आश्वस्त किया कि शिकायत पर कोई सीधी कार्यवाही नहीं होगी। द्विवेदी जी ने निर्माण कार्य में उपकर जमा करने पर जोर दिया और कहा कि उपकर जमा करने में ही समस्या का समाधान है। सरकार का कर संग्रह पर ध्यान केन्द्रित है। सरकार कर संग्रह हेतु बीआईएस सर्वे के माध्यम से भी कार्य करना चाहती है। संयुक्त निरीक्षण व्यवस्था के सम्बन्ध में बताया कि यह सरकार की व्यवस्था है और उद्यमियों की मांग पर इसे बनाया गया है। उद्यमियों ने मत व्यक्त किया कि इस व्यवस्था को बंद करने के लिए चैम्बर उच्च स्तर पर मांग रखेगा।
बैठक बहुत ही सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल द्वारा दिया गया।
बैठक में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष नितेष अग्रवाल, श्रम कल्याण प्रकोष्ठ चेयरमैन नरेन्द्र तनेजा, पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, सदस्यों में चन्द्रमोहन सचदेवा, राकेश सिंघल, जय किशन गुप्ता, अमित जैन, अनिल अग्रवाल (अधिवक्ता), योगेश जिन्दल, अनिल अग्रवाल, विमल मित्तल, षिषिर भगत, अतुल कुमार गर्ग, संजय शर्मा, दयाल सरन, राजीव कुमार गुप्ता, दुष्यंत गर्ग, मनोज गर्ग, अमर जैन, अनुज विकल, हेमन्त जैन, विजय कुमार गुप्ता, राहुल राना, अपूर्वा मित्तल, किशोर कुमार मित्तल, संजय खंडेलवाल, विकास कुलश्रेष्ठ, मनोज खंडेलवाल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।