MEETING OF CONSUMER AFFAIRS CELL

  • जब हो मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न – उपभोक्ता फोरम करेगा आपकी मदद।
  • उपभोक्ता कहां करें शिकायत:

    • 20 लाख तक जिला उपभोक्ता फोरम (आगरा)
    • 20 लाख से अधिक व एक करोड़ तक राज्य उपभोक्ता फोरम (लखनऊ)
    • 1 करोड़ से अधिकराष्ट्रिय उपभोक्ता फोरम (दिल्ली)
    • टोल फ्री नम्बर 1800114000
    • Core.nic.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 
    • नेशनल कंजूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट https://consumerhelpline.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
  • यदि कहीं ठगी महसूस करते हैं तो जाये उपभोक्ता फोरम।
  • एमआरपी न हो नाजायज – बने नियमावली।
  • वस्तु में मिलावट, सेवा में कमी, रेलवे में यात्री के माल की चोरी, पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट के लौटने पर, सब्सिडी न मिलने पर, मेडिक्लेम, मोबाइल में गारंटी अवधि में खराब होने पर आदि सभी आते हैं – उपभोक्ता संरक्षण के अधिकार में।
  • गलत शिकायत करने पर या अधिकार का दुरपयोग करने पर  शिकायतकर्ता को मिले सजा ।

दिनांक 06 जुलाई, 2024 को अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता एवं उपभोक्ता मामले प्रकोष्ठ के चेयरमैन संजय गुप्ता की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपभोक्ता अधिनियम के तहत उपभोक्ता के अधिकारों आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।

चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि वस्तुओं की खरीद व सेवाएं प्राप्त करना यह सभी उपभोक्ता के अधिकार के दायरे में आता है। यदि उपभोक्ता द्वारा किसी खरीद पर या सेवा पर अपने को ठगा महसूस किया जाता है और उसका मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न हो रहा  है तो उसे उपभोक्ता फोरम में शिकायत  करनी चाहिए।

प्रकोष्ठ चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि खरीद या सेवा में कमी होने पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत 20 लाख तक जिला उपभोक्त फोरम (आगरा), 20 लाख से अधिक 1 करोड तक (लखनऊ), 1 करोड से अधिक राश्ट्रीय उपभोक्ता फोरम (दिल्ली) में करनी चाहिए। इस हेतु टोल फ्री नम्बर 1800114000 का प्रयोग भी किया जा सकता है।

चर्चा में यह भी कहा गया कि वस्तुओं पर एमआरपी अत्यधिक लिखी जाती है। इससे उपभोक्ताओं का  शोषण  होता है। अतः नाजायज एमआरपी न लिखी जाये और इसके लिए नियमावली बननी चाहिए। यदि कोई शिकायत गलत भावना के साथ की जाती है तो इसमें शिकायतकर्ता को दण्डित किये जाने का विधान होना चाहिए। जिससे किसी उद्यमी/व्यापारी का कोई शोषण न हों। ऐसे केसों में बाजार से सैम्पल खरीद कर जांच कराई जाये। इस सम्बन्ध में चैम्बर उपभोक्ता मंत्रालय को पत्र प्रेषित करेगा। वस्तु में मिलावट, सेवा में कमी, रेलवे में यात्री के माल की चोरी, पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट के देरी से लौटने पर, सब्सिडी न मिलने पर, मेडिक्लेम, मोबाइल या अन्य वस्तुओं गारन्टी पीरियड में खराब होने पर आदि सभी आते हैं, उपभोक्ता के अधिकार में आते हैं।

उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा हेतु वस्तुएं खरीदने व सेवाएं प्राप्त करने के लिए ध्यान देने की आवष्यकता है कि बिल को सुरक्षित रखा जाये, मेडिक्लेम व अन्य बीमा लेते समय तत्थों की सही जानकारी दी जाये ताकि क्लेम के समय कोई परेषानी न हो।

बैठक में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, कोशाध्यक्ष नितेष अग्रवाल, उपभोक्ता मामले प्रकोश्ठ के चेयरमैन संजय गुप्ता, सुधीर गुप्ता, विजय गुप्ता, मुकेष गुप्ता, रनजीत सामा, संजय अरोड़ा, अनिल कुमार वार्श्णेय, नारायन बहरानी, राजेष अग्रवाल आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।