SEMINAR ON GST SEARCH SURVEY & SEIZURE

  • रफ कागजों पर नहीं हो  कोई नोटिंग।
  • पंजिकाओं पर लिखा होना चाहिए सही व स्पष्ट विवरण।
  • स्टॉक इन्वेंट्री में बरती जाये विशेष सावधानी
  • कोई स्टॉक अंदाज से न लिखा जाये – पूर्ण गिनती या तोल लिखी होनी चाहिए।
  • स्वयं के विवेक के अनुसार कर निर्धारण में कोई प्रावधान नहीं।

दिनांक 18 मई, 2024 को सायं 5 बजे चैम्बर भवन में जीएसटी सर्च, सर्वे एवं जब्ती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सीए आलोक फरसैया ने जीएसटी सर्च, सर्वे एवं जब्ती के नियम कानूनों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।

चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि आज की  संगोष्ठी  हम उद्यमी एवं व्यापारियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जीएसटी के दायरे में सभी छोटे बड़े उद्यमी व्यापारी पंजीकृत हैं। अतः सीए अलोक फ़रसैया  ने जो आज जानकारी दी है , से हम उद्यमी व्यापारी लाभांवित होंगे ऐसी मेरी आशा है।

मुख्य वक्ता सीए आलोक फरसैया ने सर्च सर्वे एवं सीज़र में कानूनों की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रफ कागजों पर नोटिंग नहीं करनी चाहिए क्योंकि हमारे पास इसका कोई उचित उत्तर नहीं होता है। हम व्यापार में अपनी सुविधाओं के लिए रिकार्ड हेतु अलग-अलग पंजिकायें बनाते हैं। उन पंजिकाओं  के ऊपर रिकार्ड का सही वर्णन स्पष्ट रूप से होना चाहिए कि यह पंजिका अमुक रिकॉर्ड से सम्बंधित है जिससे देखते ही यह जाना जा सके कि इस पंजिका में क्या रिकॉर्ड है। स्टॉक इन्वेंट्री बनवाते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इस हेतु कोई भी स्टॉक अंदाज से या अनुमान से नहीं लिखा जाये। पूर्ण गिनती या तौल कर ही लिखा जाना चाहिए।  यदि स्टॉक रजिस्टर से फिजिकल वेरिफिकेशन में कोई अंतर आ रहा है तो उस अंतर को सर्वे टीम के जाने से पूर्व ही उसका निराकरण कर लेना चाहिए। सर्वे, सर्च एवं जब्ती के दौरान यह भी ध्यान रहे कि जीएसटी के कानून में स्वयं के विवेक के अनुसार कर निर्धारण हेतु कोई प्रावधान नहीं है। विभाग को कोई कर लगाना है तो उसका आधार उन्हें बताना पड़ेगा और करापवंचना  साबित करने की जिम्मेदारी अधिकारी /विभाग की होगी। रीजन्स टू बिलीव साबित करने के लिए सर्च व्यापार के किसी भी स्थल पर हो सकती है। जिस परिसर के लिए सर्च वारंट है तो टीम उस परिसर के अलावा किसी दूसरे परिसर में नहीं जा सकती।  फर्म में महिला पार्टनर या महिला कर्मचारी है तो टीम में महिला अधिकारी के बिना सर्च नहीं की जा सकती।  स्टॉक टेकिंग रजिस्टर पर अधिकारी को फिजिकल काउंटिंग के लिए ही कहें।  उनके प्रश्नों का उत्तर केवल पूछे गए बिंदु पर ही दें, केवल तथ्य ही बताएं, कभी अतिरिक्त जानकारी न दें। नकदी में अंतर आने पर उसकी जब्ती नहीं होती है।  पंचनामा में 2 साक्ष्य उसी क्षेत्र के होने चाहिये।  यदि व्यापारिक स्थल 2 या 3 जगह है तो पंचनामा प्रत्येक व्यापारिक स्थल का अलग अलग होगा।

संगोष्ठी में टैक्सेशन बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोनाल अग्रवाल भी उपस्थित थे। उन्होंने उच्च न्यायालयों के निर्णयों का हवाला देते हुए बताया कि सर्च के दौरान यदि कोई पैसा जब्त  किया है तो उसे स्वैच्छिक  जमा कराया नहीं बताया जा सकता।  सीजीएसटी में बयान देते समय सीसीटीवी कैमरे बंद नहीं होने चाइये।
पूर्व अध्यक्ष एवं जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमर मित्तल ने कार्यक्रम का संचालन किया और बताया कि सर्वे के दौरान उद्यमी/व्यापारी द्वारा सभी रिकॉर्ड दस्तावेज सावधानीपूर्वक प्रेषित किये जाये और बिना घबराहट के उत्तर दिया जाये। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता द्वारा दिया गया।
संगोष्ठी  में चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, सीए आलोक फरसैया, पूर्व अध्यक्ष एवं प्रकोष्ठ चेयरमैन अमर मित्तल, पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार गोयल, सदस्य राकेश सिंघल, सुनील सिंघल, सतीश अग्रवाल, रंजीत सामा, नितिन अग्रवाल, संजय प्रकाश दीक्षित, अमित जैन, मनीष दोनेरिया , नवनीत सिंघल, शिशिर भगत, शैलेन्द्र बंसल, अनिल अग्रवाल, योगेश जिंदल, अनूप गोयल, सौरभ अग्रवाल, अमित अग्रवाल, वैभव जैन, वीरेंद्र जैन, अनिल वार्ष्णेय, योगेश सिंघल, अतुल कुमार गर्ग, एमजी अग्रवाल, केशव सिंघल, संदीप अग्रवाल, पवन गोयल, सीए अनिल पाहुजा , बिलाल, अशोक शर्मा, प्रवीण अग्रवाल, राजेश कुमार गुप्ता, अनुज विकल, विजय बंसल, अंशुल कौशल, विजय कुमार गुप्ता, आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।