- यमुना नदी की सफाई हेतु उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन हो शीघ्र ।
- 20 दिन से अधिक होने पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं।
- चैम्बर ने की जन जागृति अभियान की शुरुआत।
- जन जागृति हेतु किये गए पोस्टर विमोचन।
- निर्माण कार्यों में भराव (भरत) के लिए उठाई जाए गंदगी युक्त मिटटी।
- जन सामान्य को दी जाये अनुमति।
दिनांक 13 मई, 2024 को सायं 5 बजे यमुना आरती स्थल पर यमुना की शीघ्र सफाई हेतु नेशनल चैम्बर द्वारा एक जन जागृति कार्यक्रम आयोजित किया।
चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि चैम्बर के हमारे सम्मानित सदस्य -अधिवक्ता के. सी. जैन (जो चैम्बर में आगरा स्मार्ट सिटी, शहरी विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन भी हैं) द्वारा यमुना नदी की सफाई हेतु एक जनहित याचिका माननीय उच्चतम न्यायालय में लगाई थी। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इस याचिका पर सुनवाई के दौरान तथ्यों पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया । पक्षों की सुनवाई के बाद यमुना नदी में कीचड़ की शीघ्र सफाई हेतु आदेश पारित किया। चैम्बर इस दिशा में दशकों से प्रयास कर रहा था। लेकिन इसमें कानूनी अड़चने आ रही थीं। जो अब दूर हो गयीं हैं लेकिन यह बड़े ही दुख की बात है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को 20 दिन से भी अधिक समय हो गया है और यमुना नदी की सफाई के सम्बन्ध में प्रशासन स्तर पर अभी तक कोई कार्यवाही प्रारम्भ नहीं हुई है।
अधिवक्ता के सी जैन ने बताया कि यमुना नदी में डीसिल्टिंग के पक्ष में जिलाधिकारी, पुरातत्व विभाग, ताज संरक्षित अधिकरण आदि सभी एजेंसियां यमुना नदी को सिल्ट,स्लज और गन्दगी से मुक्त कराने के पक्ष में थीं । इन सभी की सकारात्मक सिफारिश के कारण माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यमुना नदी में डीसिल्टिंग कराने का आदेश दिया गया है। यमुना नदी में डीसिल्टिंग कराने से गोल्डीक्रिनोमस कीड़ों के आक्रमण से ताजमहल को मुक्ति मिलेगी। 2015 से प्रत्येक वर्ष ताजमहल की मार्बल सतह पर कीड़ों का मलमूत्र जमा होता जा रहा है। इन कीड़ों की उत्पत्ति का मुख्य कारण यमुना नदी का प्रदुषण है और यह कीड़े यमुना नदी के पानी के प्रदुषण को बनाने वाले एक वायो इंडिकेटर हैं। पानी में उपस्थितएल्गी कीडों के लिए भोजन का काम करती है। इससे इन कीड़ों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। अतः इस कार्यक्रम के माध्यम से हम प्रशासन को एक सन्देश देना चाहते हैं। यमुना नदी में डीसिल्टिंग का कार्य शीघ्र शुरू किया जाये।
पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र सिंघल ने कहा कि यमुना नदी में डीसिल्टिंग के लिए चैम्बर दशकों से प्रयास करता आ रहा है। कैलाश मंदिर से नगला पैमा तक शहरी क्षेत्र में नालों से बहकर 8 से 10 फुट कीचड़ जमा हो गई है जिसमें प्लास्टिक भी जमा हो गयी है। प्लास्टिक जमा होने से पानी का रिसाव भूगर्भ जल हेतु नहीं हो पाता है। साथ ही यहां यमुना नदी उथली होने से वर्षा का जल बहकर निकल जाता है और अधिकांश महीनों में यमुना नदी सूखी पड़ी रहती है।
उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि यमुना नदी शहर एवं आसपास के क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी वाटर रिचार्ज वाडी है। यहाँ निरंतर जलभराव होना चेहये। उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग ने कहा कि यमुना नदी में 8-10 फुट गंदगी हटने से निरन्तर जल भराव होगा। कोशाध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने कहा कि यमुना नदी में निरन्तर जल भराव होने से भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि होगी और यमुना नदी के आसपास स्वतः ही हरियाली बढ़ेगी जिससे प्रदूशण में कमी आयेगी।
प्रदुषण नियंत्रण प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमित जैन ने बताया कि ताजमहल की बुनियाद साल के तख्तों के पर निर्मित है जिन्हें निरन्तर नमी की आवष्यकता होती है। निरंतर से ताजमहल को मजबूती प्राप्त होगी साथ ही ताजमहल से रिसोर्स सेंटर तक यमुना नदी में नौका बिहार एवं स्टीमर चल सकेंगे। जल क्रीड़ाओं के आकर्षण से पयर्टकों का रात्रि प्रवास बढेगा। जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने कहा कि यमुना नदी का धार्मिक व पौराणिक महत्व है। गन्दगी बढ़ने से शहरी क्षेत्र में यमुना नदी 8 – 10 फुट उथली हो गयी है जिससे इसके स्वरुप में बदलाव आ गया है। अतः यमुना की सफाई से यह अपने पूर्व अस्तित्व को प्राप्त करेगी जिससे अनेकों धार्मिक/व्यापारिक गतिविधियां होंगी एवं जन सामान्य को अनेकों लाभ प्राप्त होंगे। आज के कार्यक्रम से हम मांग करते हैं कि यमुना नदी की सफाई शीघ्र प्रारंभ की जायें। इसमें अब कोई कानूनी अड़चन भी नहीं हैं। हमारा सुझाव है कि निर्माण में भराव (भरत) आदि कार्यों के लिए प्रशासन शहरी क्षेत्र में यमुनानदी से गदगी युक्त मिट्टी उठाने के लिए जन सामान्य को अनुमति प्रदान करें। वे अपने निर्माण कार्य के लिए यमुना में से अपने स्वयं के खर्चे पर मिट्टी उठाकर ले जायेंगे जिससे सफाई बिना सरकारी खर्च के ही हो जाएगी ।
इस अवसर पर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, कोषाध्यक्ष नितेश अग्रवाल, प्रकोष्ठ चेयरमैन अधिवक्ता के सी जैन, पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र कुमार सिंघल, सदस्यों में संजय गुप्ता, बृज खंडेलवाल, मयंक मित्तल, राज कुमार भगत, अनुज विकल, अतुल कुमार गर्ग, मुरारी लाल गोयल(पार्सद), अमित जैन, मनोज अग्रवाल, अपूर्व मित्तल, सौरभ अग्रवाल, राकेश चौहान, चंद्रवीर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।