MOTIVATIONAL SPEECH – CHALLENGES OF MSME SECTOR AND WEAPONS TO TAKE OVER THEM

  • इंडिया को भारत बनाएगा एमएसएमई सेक्टर।
  • Small is the New Big.
  • उपलब्ध संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग हो एवं न्यूनतम बर्बादी 

दिनांक 16 अप्रैल, 2024 को सायं 5 बजे चैम्बर भवन में एमएसएमई सेक्टर का महत्व, चुनौतियां एवं उन चुनौतियों का सामना करने के लिए उपयोग किये वाले हथियार (तरीकों) पर डाॅ. राजीव पुरी जो एक जाने माने इंटरनेशनल मैनेजमेंट एंड मोटिवेशनल स्पीकर हैं, द्वारा जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता चैम्बर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता एवं संचालन उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता एवं कोषाध्यक्ष नितेश अग्रवाल द्वारा किया गया।

डाॅ. पुरी ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर का अपने देश  में बड़ा योगदान है।  देश की अर्थव्यवस्था में इसका 30 प्रतिशत  योगदान है, जो कृषि  के बाद सबसे बड़ा उद्योग है। 63 मिलियन इकाइयां स्थापित हैं। 2030 तक हमारा देश विश्व में एमएसएमई सेक्टर में नंबर 1 पर आ सकता है।  यदि भारत आर्थिक शक्ति सदन बन रहा है तो इसके पीछे एमएसएमई सेक्टर का हाथ है। डॉ. पूरी ने पीपीटी द्वारा  एमएसएमई सेक्टर में आने वाली अड़चनों /रुकावटों को समबोधित किया और उन रुकावटों को दूर करने के उपाय एवं उपयों के प्रयोग करने के तरीकों पर विस्तृत प्रकाश डाला।   उन्होंने आगे कहा कि इस एमएसएमई सेक्टर को हम बड़ा बनाना चाहते हैं तो हमें टोटल क्वालिटी मैंनेजमेंट (TQM) को अपनाना होगा। इसके लिए काॅस्ट कटिंग,  जीरो डिफेक्ट (जीरो रिजेक्शन) एवं बेहतर गुणवत्ता बनानी होगी। साथ ही हमारा दृष्टिकोण दूरगामी होना चाहिए। यदि 2047 में भारत को विश्वगुरु बनाने में एमएसएमई सेक्टर का एक महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इसलिए हमें एमएसएमई की ओर ध्यान देने होगा  क्योंकि Small is the New Big और तभी इंडिया भारत बनने की ओर अग्रसर रहेगा।
कार्यक्रम में अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, उपाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष नितेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप वार्ष्णेय, भावेश कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार गोयल, सदस्यों में शंभू कुमार अग्रवाल, देवेन्द्र गोयल, मनीश बंसल, शिशिर  गुप्ता, मयंक मित्तल, डा. केशवदत्त गुप्ता, सावन चतुर्वेदी, अमन अग्रवाल, सुशील बंसल, हिमांशु बंसल, राहुल राना, सुनीत आहुजा, योगेश जिन्दल, राज कुमार भगत, सी. जे. थापर, अतुल कुमार गर्ग, राकेश नारंग, संजीव अग्रवाल, अशोक कुमार गुप्ता, संजय अरोड़ा आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।