SECTION 43B (h)

  • चैम्बर के प्रयास लाए रंग।
  • धारा 43B (h) विलंबित की गई अप्रैल, 2025 तक।
  • चैम्बर ने निरंतर की थी पहल।
दिनांक 04 मार्च, 2024 को अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया की धारा 43B (h) के आने से एमएसएमई ईकाईयों को माल की खरीद या सेवा लेने पर 15 दिन और अधिकतम 45 दिन भुगतान करने का प्रावधान उद्योग जगत में काफी विपरीत प्रभाव डाल रहा था। इसके चलते उद्यमी व व्यापारियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। बजट 2023 में इस धारा की घोषणा होने के बाद शीघ्र ही में आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने इसके विपरीत प्रभाव समझकर अन्य विशेषज्ञों से सलाह ली और सभी ने इसका समर्थन किया। 16 मार्च, 2023 को चैम्बर द्वारा वित्त मंत्री महोदया को एक विस्तृत प्रतिवेदन भेजा था।
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बताया कि इस प्रावधान के विपरीत प्रभावों का आकलन घोषणा के तुरन्त बाद किया गया था और इस प्रावधान के हानि लाभ के सम्बन्ध में आगरा के कर विशेषज्ञों के साथ काफी मंथन किया गया था। सबका मत था कि यह प्रावधान उद्योग जगत के लिए सही नहीं सिद्ध होगा। और चैम्बर से सुझावों सहित इस प्रावधान को वापस लेने के लिए वित्त मंत्री महोदया से अनुरोध किया था।
आयकर प्रकोश्ठ चेयरमैन अनिल वर्मा ने पुनः बताया कि इस घोषणा के बाद 31 मार्च 2024 को दाखिल होने वाली विवरणी में कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए इस प्रावधान के संबंध में चैम्बर द्वारा कर विशेषज्ञ डाॅ. राकेश गुप्ता के साथ एक सेमिनार का आयोजन किया गया। डाॅ. राकेश गुप्ता ने भी इस प्रावधान की गम्भीरताओं को समझाया। उद्यमियों एवं व्यापारियों द्वारा इसे वापस लेने के लिए काफी विरोध में स्वर उठे। यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि चैम्बर के प्रयासों से इसे अप्रैल, 2025 तक विलंबित कर दिया गया है।