ADA Master Plan 2031

  • मास्टर प्लान 2031 में आगरा के पश्चिमी क्षेत्र को  किया गया है पूरी तरह से उपेक्षित
  • डेढ़ वर्ष में भी ड्राफ्ट नहीं बन सका है पूरी तरह से पारदर्शी 
  • शहर के चारों ओर बराबर विस्तारीकरण न होने से बिगड़ सकता है ट्रैफिक व् पर्यावरण का संतुलन 
  • शहर के एक भाग की  उपेक्षा से उस क्षेत्र में उपलब्ध बेहतरीन संसाधनों के उपयोग से वंचित रहेंगे शहरवासी 
  • शहर के पार्श्व में स्थित ग्रामों के साथ सौतेला व्यव्हार 
चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि एडीए का मास्टर प्लान 2031 एक लंबी प्रतीक्षा के बाद प्रकाशित किया गया फिर भी इसमें अधिकांश सूचनाएं आंकड़ों में ही दर्शाई  होने से बहुत अधिक स्पष्टता नहीं है।  आरपीएल (रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने आगरा (मेट्रो टाउन) जीआईएस (ज्योग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम) आधारित महायोजना तैयार करने के लिए व्यापक पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दिनांक 26.06.2019 को उत्तर प्रदेश सरकार की सम्यक सहमति से मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक एवं नगर एवं ग्राम नियोजन के साथ परामर्शदाता के रूप में करार पर हस्ताक्षर किये थे। अर्थात इस ड्राफ्ट मास्टर प्लान को तैयार करने में लगभग डेढ़ वर्ष का लगा है।
चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने आगे कहा कि मास्टर  प्लान 2031 में प्रकाशित आंकड़ों से यह पता लग रहा है कि इसमें आगरा के बाहर पूर्वी क्षेत्र में ही अधिक जोर दिया गया है।  आगरा के बाहर पश्चिमी क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। कंसलटेंट कंपनी मै०  रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड  द्वारा मास्टर प्लान में यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा एक्सप्रेसवे की ओर ही ध्यान केंद्रित किया गया है।  आगरा के पश्चिमी क्षेत्र में आगरा-मथुरा हाईवे एवं आगरा-जयपुर हाईवे की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है।   नेशनल हाईवे संख्या 29 पर स्थित रुनकता तक पूर्व से ही शहरी क्षेत्र में माना जाता रहा है।
आगरा के पूर्वी क्षेत्र में (एत्मादपुर तहसील के) लगभग 22 गांव इस मास्टर प्लान में सम्मिलित किए गए हैं जबकि पश्चिमी क्षेत्र (किरावली तहसील) में केवल 7 गांव एवं खेरागढ़ में  मात्र 1 गांव सम्मिलित  किया गया है।
ज्ञातव्य हो कि यदि सुविधा की दृष्टि से देखा जाये तो सिक्स लेनी करण के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 का महत्व एक्सप्रेसवे जैसा ही हो गया है।  इसी मार्ग पर आगरा से 15 किलोमीटर दूर पश्चिम में न्यू दक्षिणी बायपास मार्ग (ग्वालियर हाईवे) के निर्माण होने से आगरा के पश्चिमी क्षेत्र में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य मार्ग भलीभांति जुड़ गए हैं।  सभी रेल मार्ग (अर्थात आगरा दिल्ली, आगरा जयपुर, आगरा कोलकाता, आगरा कोटा,  आगरा कानपुर, आगरा ग्वालियर, मुंबई ) भी नई दक्षिणी  बइपास से थोड़ी थोड़ी दूरी (अर्थात पर 7 किमी से 25 किमी)  पर जुड़ते हैं।  इस मार्ग पर लैंड बैंक बनाकर शहर का विस्तारीकरण शहरवासियों के लिए सुविधाजनक रहेगा।  अब इस जगह से देश के सभी बड़े शहरों दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर, मुंबई आदि के लिए सड़क मार्ग से आवगमन बहुत ही सुविधाजनक हो गया है। शहर के इसी भाग में एनएच-29 से ही उत्तरी बायपास मार्ग भी  प्रस्तावित है।  इसलिए  मास्टर प्लान 2031 में इस क्षेत्र को भी भलीभांति सम्मिलित करने के लिए आज की जरूरत है।
चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने आगे बताया कि आगरा के चारों ओर बराबर विस्तारीकरण हो जिससे सभी आगरावासियों को आगरा के विस्तारीकरण व विकास का बराबर लाभ प्राप्त हो।  शहर के एक ही ओर विस्तारीकरण होने से एक छोर पर आबादी एवं  वाहन भार बढ़ने से ट्रैफिक व पर्यावरण में संतुलन बिगड़ने लगेगा।  जिससे अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकेगी।   अतः मास्टर प्लान पर पुनः विचार करने की जरुरत है जिसमें आगरा के विस्तारीकरण को आगरा के चारों ओर सभी दिशाओं में बराबर बढ़ाया जाए।  जिससे शहर के पार्श्व में स्थित गावों के साथ सौतेला व्यव्हार न हो और मास्टर प्लान में छूटे हुए क्षेत्र में उपलब्ध  बेहतरीन सुविधाओं /संसाधनों के उपयोग से शहरवासी वंचित न रहें।  महायोजना का लाभ शहर के चारों ओर बसे सभी गांवों को बराबर प्राप्त हो सके।