केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री श्री संतोष गंगवार आज आगरा आए और चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल के निवास पर पहुंचे। उनके साथ भाजपा नेता पुषोत्तम खण्डेलवाल एवं शहर अध्यक्ष विजय शिवहरे आदि थे।
स्वागत के बाद अपने उद्बोधन में अमर मित्तल ने मंत्री महोदय से कहा कि इस वक्त उद्यमी एवं व्यापारी बहुत त्रस्त है और अधिकारियों द्वारा जबरदस्त उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रम संबधित काले कानून में सभी को हिला कर रख दिया है और इस कानून के प्रति सभी में गहरा रोष व्याप्त हैं सभी ने एक स्वर से इस कानून को वापिस लेने की मांग की तथा व्यापारियों की समस्याओं को सुनने के लिए एक समिति गठित करने का अनुरोध किया। इस पर मंत्री महोदय ने कहा कि यह उ0प्र0 सरकार का निर्णय है और दिल्ली पहुंचते ही वे मुख्यमंत्री से बात कर कोई न कोई हल निकालेंगे।
उद्यमी प्रमोद गर्ग ने जीएसटी अधिकारियों द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न के संबध में बताया कि इस वक्त अधिकारी जबरदस्त रिश्वत खा रहे है और परेशान कर रहे है तथा दो-दो विभाग के सर्वे के आदेश ने आग में घी का काम किया है।
पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने आगरा में बैराज को जल्द से जल्द बनवाने की मांग की। मंत्री महोदय ने कहा आगरा में बैराज बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि उद्यमियों,
चैम्बर के कार्यवाहक अध्यक्ष मुरारी लाल गोयल एवं जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमर मित्तल तथा जीएसटी तकनीकी जागरूकता प्रकोष्ठ के चेयरमैन आलोक फरसैया की संयुक्त अध्यक्षता में चैम्बर एवं आगरा के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधयों का प्रतिनिधि मण्डल आयुक्त सीजीएसटी से उनके कार्यालय पर मिला। ज्ञातव्य है कि सीजीएसटी आयुक्त महोदय श्री राम चन्द्र सांखला जी द्वारा 1/4-6-2018 को एक पब्लिक नोटिस जारी किया था जिसमें अतिरिक्त/संयुक्त/उपायुक्त/सहायक आयुक्तों को अधीनस्थ अधिकारियों को व्यापारिक स्थलों पर निरीक्षण हेतु अधिकृत किया गया था। जिसमें निरीक्षण किये जाने के बाद भी अनुमति लेने का प्रावधान था। इससे व्यापारियों को उत्पीड़न की शंका उत्पन्न हो रही थी। इसी के फलस्वरूप आज उपरोक्त प्रतिनिधिमण्डल सीजीएसटी आयुक्त महोदय से उनके कार्यालय में मिला जिसमें एक ज्ञापन उन्हें सौंपा गया।
प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त महोदय से पक्ष रखते हुए कहा कि निरीक्षण की अनुमति देने के लिए केवल संयुक्त आयुक्त या उच्चस्तर के अधिकारी को ही अधिकृत किया जाना चाहिए तथा व्यापरिक स्थलों पर निरीक्षण के लिए अधिकारियों को संयुक्त आयुक्त या उच्च स्तर के आयुक्त से पूर्व की अनुमति लेकर ही जाना चाहिए। बाद में अनुमति लेने का प्रावधान नहीं हो चाहिए। अन्यथा व्यापारियों का उत्पीड़न होने की सम्भावना है।
आयुक्त महोदय ने व्यापारियों की परेशानी को बड़े ही गौर से सुना और समझा तथा बड़े ही सौहार्द्धपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई तथा आयुक्त महोदय ने आश्वासन दिया कि व्यापारियों के उत्पीड़न की उनके विभाग की कोई मंशा नहीं है। जनसूचना में संशोधन करते हुए आश्वासन दिया कि व्यापारियों का कोई उत्पीड़न नहीं होगा। अनावश्यक रूप से कोई भी निरीक्षण नहीं किया जाएगा। केवल ऐसे व्यापारियों जो रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं। उन्हीं पर कार्यवाही केन्द्रित होगी। कोई अधिकारी संयुक्त आयुक्त या उच्च स्तर के अधिकारी से ही पूर्व अनुमति लेकर ही व्यापारिक स्थल पर निरीक्षण के लिए जायेगा।
आयुक्त सीजीएसटी द्वारा जारी अपने पत्र में उपायुक्त/सहायक आयुक्त को दिए गए सर्वे के अधिकार पर व्यापारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है और इसी को लेकर चैम्बर भवन में आयोजित एक बैठक में शहर के व्यापारिक संगठनों अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया और कहा कि आयुक्त के आदेश से इन्सपेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा तथा भ्रष्टाचार भी चर्म सीमा पर पहुंच जायेगा।
नेशनल चैम्बर आॅफ इण्डस्ट्रीज एण्ड काॅमर्स यूपी,
5 जून, 2018 को चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी की अध्यक्षता में चैम्बर भवन में हस्तशिल्प उद्योग पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें एमएसएमई विकास संस्थान, आगरा के निदेशक श्री आर.के. कपूर जी ने एमएसई इकाईयों को लाभाथ सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में सविस्तार जानकारी प्रदान की। इसी प्रकार श्री लल्लाराम,
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