- नेशनल चैम्बर – ’’सकारात्मक कार्यस्थल कैसे बनाये’’ कार्यक्रम का किया आयोजन।
- नियोक्ता और कर्मचारी के मध्य सकारात्मक दृश्टिकोण से बढता है उद्योग एवं व्यापार।
- सामाजिक सुरक्षा बढ़ाती है कर्तव्यनिश्ठता।
- किसी असफलता में कमी के लिए उत्तरदायित्व माना जाये पूरी टीम का।
- कार्यस्थल पर हो स्वस्थ प्रतिद्वन्दता।
- जिसकी उपलब्धि हो उसे ही मिले श्रेय।
- बड़ी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है-नकारात्क वातावरण।
- जाति, लिंग के भेदभाव से हटकर प्रतिभा को मिले सम्मान।
- शीर्ष नेतृत्व का समान व्यवहार उत्पन्न करता है सकारात्मक दृश्टिकोण।
दिनांक 14 अक्टूबर, 2022 को सायं 5 बजे चैम्बर भवन में चैम्बर अध्यक्ष शलभ शर्मा की अध्यक्षता में How to Create a Positive Workplace नामक प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन चैम्बर की ’’महिला उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ’’ की चेयरपर्सन डॉ. रीता अग्रवाल के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सुश्री सोनाली जिंदल, सहायक आयुक्त उद्योग, उपस्थित रही। महिला शान्ति सेना की अध्यक्ष वत्सला प्रभाकर, सचिव षीला व्हेल, लीगल एडवाइजर नम्रता मिश्रा, ANWA, mathura की सह-संस्थापक एवं कोषाध्यक्ष श्रीमती कीर्ति बंसल गोयल द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित किया गया।
उद्योग एवं व्यापार को बढावा देने के लिए कार्यस्थल को सकारात्मक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण विषयों पर नम्रता मिश्रा द्वारा उदाहरण सहित विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए प्रसन्नता, सकारात्मक मनोवृत्ति, सामाजिक सुरक्षा, स्वस्थ प्रतिद्वंदिता, असफलता के लिये कमी/गलती का दोषारोपण व्यक्तिगत न लगाते हुए पूरी टीम को स्वीकार करना चाहिए। कर्मचारियों के आपातकाल हेतु कम्पनी में फण्ड की स्थापना होनी चाहिए। कम्पनी में व्यवस्थित कार्य संस्कृति होनी चाहिए। नकारात्मक कार्य संस्कृति नहीं होनी चाहिए। कर्मचारी कम्पनी को अपनी माने ऐसा वातावरण होना चाहिए। जाति लिंग आदि के भेदभाव से हटकर प्रतिभा को सम्मान मिलना चाहिए जिससे वे मनोबल सहित अपने कार्य को और आगे बढाने का प्रयास करें। शीर्ष नेतृत्व का व्यवहार कर्मचारियों के प्रति होना चाहिए। कम्पनी में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी का गठन होनी चाहिए। शीर्ष नेतृत्व द्वारा समय समय पर अपने कर्मचारियों के साथ बैठकें कर सकारात्मक वातावरण पैदा करना चाहिए। वैधानिक औपचारिकताओं का अनुपालन करना चाहिए। यदि महिला और पुरुष साथ-2 कार्य करते हैं तो महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए।
ANWA मथुरा की कीर्ति बंसल गोयल ने बताया कि महिला कर्मियों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए क्योंकि जब महिला कार्य करती है तो वह अपने पूरी परिवार एवं कर्मचारियों को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
महिला शान्ति सेना की अध्यक्ष वत्सला प्रभाकर ने बताया कि मालिक को यह समझना चाहिए कि यह कंपनी मेरे श्रमिक की वजह से है और श्रमिक को यह समझना चाहिए कि यह मेरी कम्पनी मेरे मालिक की वजह से है।
मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त उद्योग सोनाली जिंदल ने कहा कि सकारात्मक कार्य संस्कृति उत्पन्न करने के लिए नेशनल चैम्बर द्वारा यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है। सरकार नीति बनाती है किन्तु इनका अनुपालन उद्योगों में प्रेरणा से होता है। उन्होंने महिला शान्ति सेना से कहा कि आज की बैठक में जो टिप्स दिये गये हैं उन्हें संक्षिप्त में PDF बनाकर परिपत्रित किया जायें।
चैम्बर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि आज का कार्यक्रम उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने में सहायक होगा। इससे समाज हित और देश हित उत्पन्न होगा।
कार्यक्रम का संचालन सचिन सारस्वत द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रीता अग्रवाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में चैम्बर अध्यक्ष शलभ शर्मा, उपाध्यक्ष मयंक मित्तल, उपाध्यक्ष संजय कुमार गोयल, महिला उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन डा. रीता अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, अनिल वर्मा, सवीहा खान, मनोज गर्ग, संदीप तोमर, सुनील कुमार गर्ग, अनिल अग्रवाल, अवनीष षिरोमणि, अषोक अरोड़ा, अमरजीत सिंह, नीरज सावन चतुर्वेदी, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, षीषिर गुप्ता, सागर गोयल, राजेन्द्र गर्ग, नीतिन अग्रवाल आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।