- बजट 2030 – आगरा को पर्यटक सिटी के रूप में विकसित किए जाने की उम्मीद
- बजट विकासोन्मुखी एवं लोक लुभावना है
- एमएसएमई सेक्टर एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान
- घरेलू महिलाओं की निजी बचत को मिलेगा बढ़ावा
- स्टार्टअप के टैक्स रिबेट को 1 साल के लिए बढ़ाना स्वागत योग्य
- वरिष्ठ नागरिकों को जमा की सीमा 15 लाख से बढाकर की 30 लाख
- आयकर में टैक्स स्लैब की नई व्यवस्था को अधिक लोकप्रिय बनाने पर जोर
- 15 लाख तक आय वालों के लिए नई कर व्यवस्था रहेगी ठीक
- सिगरेट, सोना, चांदी, हीरा आदि होंगे महंगे
- न्यू स्टार्टअप के लिए क्षतिपूर्ति हेतु नुकसान की सीमा 7 वर्ष से बढ़ाई 10 वर्ष तक
- स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार एवं व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
- समाचार पत्रों को 10 (22 बी) में दी जाने वाली छूट को लिया वापस
यूनियन बजट 2023 पर परिचर्चा करने हेतु चैम्बर अध्यक्ष शलभ शर्मा एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्ष शलभ शर्मा ने बताया कि यह बजट कुल मिलकर विकासोन्मुखी एवं लोक लुभावना है। इस बजट में एमएसएमई सेक्टर एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है। घरेलू महिलाओं की निजी बचत को बढ़ावा देने के लिए भी उनकी बचत पर टैक्स में छूट प्रदान की गई है। महिला सम्मान बचत पत्र 2 लाख 2 साल तक जमा करने पर 7:50 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। स्टार्टअप की टैक्स रिबेट में 1 साल को बढ़ाया गया है। यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। इससे नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। आयकर में टैक्स स्लैब की नई व्यवस्था को अधिक लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया गया है।
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बजट के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोविड-19 के समय में जो गवर्नमेंट कांट्रेक्ट रकम जब्त हो गई थी उसका 75% रिफंड किया जाएगा। 10 हजार करोड़ अर्बन इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए फंड बनाया गया है। पूरे देश में 50 टूरिस्ट सिटीज को सुविधाओं सहित विकसित किया जाएगा। इसमें यह प्रबल संभावना है कि आगरा शहर को सम्मिलित किया जाए। यदि आगरा को पर्यटक शहर के रूप में विकसित किया गया तो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए गाइड, सुरक्षा, यातायात एवं खाद्य संबंधी बेहतर सुविधाएं प्रदान हो सकेंगी। शिक्षा स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में विस्तार करने की योजनाएं बनाई गई हैं। टेक्सटाइल के क्षेत्र में आयात शुल्क को 21 से कम करके 13 प्रतिशत किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम जमा 15 लाख की सीमा को बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। धारा 10(22 बी) के अंतर्गत न्यूज़ एजेंसी को दी जाने वाली छूट वापस ले ली गई है। यह समाचार पत्रों के लिए एक नकारात्मक कदम है. फुटकर व्यापारियों की सीमा 44 एडी के तहत दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है। इसी प्रकार प्रोफेशनल्स के लिए 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख सीमा की गई है जिससे उन्हें इस सीमा तक ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होगी। कोऑपरेटिव सोसाइटीज के मामलों में कर की दर को 15% कर दिया गया है और उसमें नकद वापसी की सीमा बिना टीडीएस कटे एक करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है। अतः तीन करोड़ तक कर में छूट होगी। गैर सरकारी कर्मचारी को लीव एनकैशमेंट की छूट 03 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है। दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ के लिए धारा 54 एवं 54 एफ के तहत मकान खरीदने या मकान बनाने के लिए छूट की सीमा 10 करोड़ तक सीमित कर दी गई है। न्यू स्टार्टअप के लिए क्षतिपूर्ति हेतु नुकसान को 7 साल तक से बढ़ाकर 10 वर्ष कर तक दिया गया है। अग्रिम टैक्स पर सरचार्ज लिया जाएगा यह भी इस बजट में एक नकारात्मक कदम है। कर मुक्त नई व्यवस्था 15 लाख तक आय वालों के लिए ठीक रहेगी। लंबित अपील के शीघ्र निस्तारण हेतु 100 संयुक्त आयकर आयुक्तों की नियुक्ति की जाएगी। कुल मिलाकर यह बजट लोकलुभावना है किन्तु विकासोन्मुखी है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार व्यापार को बढ़ावा देने वाला है। जीएसट प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल इस बजट को दूरगामी बताया और कहा कि इससे सिगरेट, सोना, चांदी, हीरा आदि सभी महंगे होंगे। उपाध्यक्ष मयंक मित्तल ने भी इस बजट को दूरगामी बताया। कोषाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि साइकिल एवं अन्य व्यायाम की वस्तुओं पर आयात शुल्क कम की गई है इससे लागत में कमी आएगी। अतः उत्पादन बढ़ेगा। विदेशी मुद्रा की बचत होगी। अध्यक्ष शलभ शर्मा ने बताया कि यह घोषणाएं बहुत अच्छी हैं किन्तु ये धरातल पर आनी चाहिए। आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने कुल मिलाकर इस बजट को शुगर कोटेड टेबलेट के रूप में बताया।
मीटिंग में अध्यक्ष शलभ शर्मा, उपाध्यक्ष मयंक मित्तल, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा एवं जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमर मित्तल आदि द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए।