Suggestions for Union Budget 2022-23

  • आगामी बजट के लिए वित्त मंत्री को चेंबर ने भेजें सुझाव
  • जीएसटी कानून को बनाया जाए अनुकूल
  • बिना विद्युत नापतोल उपकरण (तराजू, बाँट,मीटर, लीटर आदि) पर जीएसटी की दर 18% से घटाकर की जाए 5%
  • छोटे दुकानदारों को मिलेगा प्रोत्साहन
  • सरकार के राजस्व में कोई विशेष प्रभाव नहीं – बजट की सार्थकता बढ़ेगी

दिनांक 10 नवंबर 2021 को चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि एक प्रकाशित सुचना के अनुसार भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा आगामी सत्र के बजट हेतु कराधान पर सुझाव मांगे गए हैं। उद्योग एवं व्यापार निकायों को भेजे गए पत्र के अनुसार यह सुझाव आज दिनांक 15 नवंबर 2021 तक भेजने है। चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने आगे बताया कि बिना विद्युत नापतोल उपकरण (तराजू, बाँट,मीटर, लीटर आदि) पर जीएसटी की कर 18% है जबकि ये उपकरण अधिकांशतः छोटे दुकानदार जैसी रेहड़ी, ठेले, फेरीवाले, छोटे दूधिये द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। 18% जीएसटी लगने से ये उपकरण काफी महंगे हो जाते हैं जिसके कारण इन छोटे दुकानदार एवं गरीब तबके के लोगों पर महंगाई का सीधा प्रभाव पड़ता है।

जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमर मित्तल ने बताया कि बिना विद्युत नापतोल उपकरण बनाने वाले निर्माता को बांट तथा माप विभाग से परीक्षण एवं मुद्रांकन करवाना आवश्यक होता है। जिसका शुल्क उसकी क्षमता के अनुसार अलग-अलग होता है तथा उस शुल्क पर भी जीएसटी 18% लगाई जाती है इस प्रकार इस उपकरण पर दोहरे कराधान की मार होती है। परिणामस्वरूप, यह वस्तु पर्याप्त रूप महंगी हो जाती है जिससे गरीब जनता पर इसका सीधा विपरीत प्रभाव पड़ता है। माननीय वित्त मंत्री महोदया को भेजे गए पत्र में सुझाव दिया गया है कि इस वस्तु पर कर की दर कम करने के लिए सरकार को जीएसटी कानून में अनुकूल परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने पुनः बताया कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस वस्तु से संपूर्ण भारतवर्ष से लगभग 15 से 20 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त होता है। अतः इस वस्तु पर जीएसटी की दर घटाने से सरकार की राजस्व पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा और गरीब जनता को राहत मिलने से आगामी बजट की सार्थकता पर्याप्त रूप से सरकार के प्रति सकारात्मक हो जाएगी।