Meeting with Chairman of TTZ & other Sr. Officer

दिनांक 6 अक्टूबर 2018 को अपरान्ह 3 बजे मंडलायुक्त कार्यालय के लघु सभागार में आगरा के उद्यमियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जिसमें विजन डाॅक्यूमैन्ट के संबन्ध में उद्यमियों को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया गया। इस बैठक में ताज संरक्षित क्षेत्र समिति के चैयरमैन, मंडलायुक्त आगरा के अतिरिक्त स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्कीटेक्चर, नई दिल्ली की पर्यावरण नियोजन विभागाध्यक्ष – प्रोफ0 श्रीमती मीनाक्षी धोते जी, नगरायुक्त आगरा, आगरा विकास प्राधि0 के उपाध्यक्ष आदि उच्चाधिकारी मौजूद थे। नेशनल चैम्बर की ओर से अध्यक्ष राजीव तिवारी, पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, अशोक कुमार गोयल, राजेश गोयल आदि मौजूद थे।

चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी ने एक प्रतिवेदन के माध्यम से विजन डॉक्युमेंट में विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए विभिन्न आपत्तियांॅ व सुझाव प्रेषित किये। सुझाव निम्न प्रकार हैं

  1. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिसम्बर 1996 व उसके बाद के आदेषों में आगरा के ताजमहल जो विष्व के प्रमुख 10 स्मारकों में से एक है जिन्हें सर्वाधिक पर्यटक देखने आते है, को वायु प्रदूशण से बचाने के लिए ताज संरक्षित क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आगरा में निरन्तर प्रदूशण रहित औद्योगिक विकास किये जाने की मंषा प्रकट की हैं। मा0 उच्चतम न्यायालय ने अपने ओदषों में यह भी कहा है कि ताज संरक्षित क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से आने वाले कई सौ साल तक ताज महल को सुरक्षित रखा जाए। जिससे सम्पूर्ण उद्योग जगत पूर्ण रूप से सहमत है। यदि ताजमहल का रखरखाव व मूलभूत सुविधाऐं ठीक प्रकार से प्रदान की जाये तो इससे पर्यटन व अन्य उद्योगों का समुचित विकास होगा।
  2. मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्श 1996 के आदेष के अनुरूप कोयले व कोक का प्रयोग करने वाले उद्योगों को या तो बन्द कर दिया गया या उन्हें अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया अथवा कोल व कोक के स्थान पर प्राकृतिक गैस को ईधन के रूप में प्रयोग करने वाली इकाईयां ही स्थापित रही। मा0 उच्चतम न्यायालय के 2001 के आदेष के अनुसार फाउन्ड्री व अन्य उद्योगों द्वारा प्रदूशण नियन्त्ऱण सयंन्त्र स्थापित करते हुये प्रदूशण के निर्धारित मानकों का अनुपालन किया जा रहा है। अतः आज ताज संरक्षित क्षेत्र में जो भी उद्योग संचालित हैं वे प्रदुशणों के मानकों को पूरा करते हैं व प्रदूशण रहित है। टीटीजेड में वायु प्रदूशण में छव2 ैव2 की मात्रा सीमा के अन्दर व च्ड2ण्5 . च्ड 10 की मात्रा अत्यधिक हैं अतः हम यह कहना चाहते है कि उद्योग प्रदूशण का कारण नहीं है। अतः विजन डाक्यूमेन्ट से किसी भी ऐसे उद्योग जो प्रदूशण के निर्धारित मानकों को पूरा कर रहे है उन्हें विस्थापित किये जाने के सुझाव को हटाया जाए।
  3. टीटीजेड में उद्योगों के वर्गीकरण के संबध में:- केन्द्रीय प्रदूशण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों के वर्गीकरण करने के उपरान्त अनेक राज्यों ने उद्योगों का पुनः वर्गीकरण वहां की परिस्थितियों, आवष्यकताओं व उद्योगों की प्रकृति के आधार पर प्रदूशण के मानकों को पूरा करते हुए किया है। अतः हमारा सुझाव है कि टीटीजेड में उद्योगों का वर्गीकरण पुनः किया जाना चाहिए क्योंकि यहां छोटे छोटे उद्योग हैं तथा सभी उद्योग माननीय उच्चतम न्यायालय व पर्यावरण विभाग द्वारा निर्धारित प्रदूशण के मानकों को पूरा कर रहे हैं। अन्य राज्यों में इन्हीं उद्योगों को जहां पर प्रदूशण के मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है, के सापेक्ष टीटीजेड में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। टीटीजेड में वे सभी उद्योग प्रदूशण मानकों को पूरा करते हुए प्रदूशण से मुक्त हंै।
  4. ड्राफ्ट विजन डाक्यूमेन्ट में उद्योगो से सम्बन्धित कई तथ्य अव्यवहारिक, सत्य से परे व त्रुटिपूर्ण है। जैसे विभिन्न श्रेणियों में दर्षाये गयी औद्योगिक इकाईयों के नाम गलत श्रेणी में अंकित किये गये है व एक प्रकृति की कई इकाईयों को विभिन्न श्रेणियों में दर्षाया गया है। हमारा सुझाव है कि ड्राफ्ट विजन डाक्यूमेन्ट में वर्गीकरण, अव्यवहारिक, सत्य से परे व त्रुटि पूर्ण तथ्यों को पूर्ण रूप से निरस्त किया जाये।
  5. विजन डाॅक्यूमेन्ट में पर्यटन विरोधी प्रस्तावों को हटाया जाए:-
    1. वाॅल्यूम 2, पृश्ठ सं0 25 आईटम नं0 8 और खण्ड 5 में यह सुझाव दिया गया है कि आगरा जिसे सदियों से ताज के नाम से पहचाना व जाना जाता रहा है, को अब नई पहचान देने की आवष्यकता है। अतः अब आगरा की पहचान यहां के पर्यावरण व यहां के लोगों से होनी चाहिए। इस प्रस्ताव का हम विरोध करते हैं। इसे विजन डाॅक्यूमेन्ट से हटाया जाए। ताजमहल आगरा ही नहीं बल्कि प्रदेष व देष की पहचान है। आगरा को सदैव ताजमहल के लिए ही जाना जाए।
    2. वाॅल्यूम 2, पृश्ठ सं0 6, आईटम नं0 1 खण्ड 2.9 में दर्षाया गया है कि यमुना नदी में व अन्यत्र मनोरंजन के कार्य न किये जाऐं जिससे अधिक पर्यटक न आए, इसका हम विरोध करते हैं। यदि आवष्यक हो तो ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या सीमित करने के लिए अन्य उपाय किये जाए न कि आने वाले पर्यटकों को मनोरंजन से वंचित रखा जाए।
    3. होटलों को रैड केटैगिरी में रखा गया है जो न्याय संगत नहीं है क्योंकि होटलों से वायु प्रदूशण नहीं होता है और होटलों द्वारा एसटीपी लगाऐ गए है।
    4. वाॅल्यूम 2, पृश्ठ सं0 8, आईटम नं0 1 खण्ड 2.10 में दर्षाया गया है कि यमुना पर बैराज न बनाया जाए। इसका हम विरोध करते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1996 के आदेष में कहा था कि यमुना पर बैराज बनाया जाए। हमारा सुझाव है कि डाउन स्ट्रीम पर बैराज बनाने का प्रस्ताव दिया जाना चाहिए। जिससे यमुना नदी में निरन्तर जल भराव बना रहे जो कि ताज महल की नींव के लिए आवष्यक है क्योंकि ताजमहल की नींव षाल के तख्तों से निर्मित है जिन्हें लगातार नमी की आवष्यकता होती है। हमारा सुझाव है कि पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए सिकन्दरा से ताजमहल तक रिवर फ्रन्ट का निर्माण किया जाए जिसमें नौका विहार, जल क्रीड़ा आदि मनोरंजन के कार्यक्रम संचालित किये जा सकें। इससे आगरा में पर्यटकों का निवास बढ़ेगा।
    5. वाॅल्यूम 2, पृश्ठ सं0 8, आईटम नं0 1 खण्ड -2.10 में यह कहा गया है कि ताज के निकट ताजगंज क्षेत्र में पर्यटकों के प्रोत्साहन को फोकस नहीं करना चाहिए। इससे हम असहमत है। ताजगंज क्षेत्र को इस तरह से विकसित किया जाए कि वहां पर्यटक आने-जाने के लिए आकर्शित हों।
  6. विजन डाक्यूमेन्ट में षाॅर्ट टर्म व लोंग टर्म की श्रेणी में बांटकर आगे की कार्य योजन बनाई जाये। इसमें हमारे कुछ सुझाव है। च्उ2ण्5 व च्उ 10 के निरन्तर बढ़ने के प्रमुख कारण व उसके लिये किये जाने वाले विषेश कार्य निम्न प्रकार हैः-
    1. वायु प्रदूशण के मुख्य कारणों में राजस्थान के रेगिस्तान से चलने वाली हवाऐं है जिससे धूल की मात्रा बढ़ती है।
      इसके लिये आवष्यक है कि वृहद वृक्षारोपण के लिये टीटीजेड के पचिष्मी इलाकों में स्थान चिन्हित कर वृक्षारोपण कर ग्रीन बैल्ट स्थापित की जाये।
    2. टीटीजेड क्षेत्र को अबाधित विद्युत आपूर्ति प्रदान की जाये जिससे यहां जेनरेटरों का उपयोग बंद हो। उद्योग में प्रयोग की जानेे वाली विद्युत की दरों को कम किया जाये। जिससे विद्युत चलित व प्रदूशण रहित उद्योग स्थापित हो सकें।
    3. यमुना नदी में समय-समय पर डिसिल्टिंग कराई जाये तथा इसे विजन डाक्यूमेन्ट में सम्मलित किया जाए जिससे गंदगी के कारण पैदा होने वाले कीड़ेां द्वारा ताजमहल के मार्बल पर हरे निषान लगते है व उसको हानी पहुंचती है, को रोका जा सके। यमुना में गंदे नालों का पानी जाने से रोका जाये। इसके लिये विजन डक्यूमेन्ट में चरणवद्ध योजना बनायी जाऐ। नालों को टैप किया जाए व एसटीपी निरन्तर कार्यरत हो।
    4. सम्पूर्ण टीटीजेड में सीबर लाइन डाले जाने की योजना वीजन डाक्यूमेन्ट में अंकित की जाए।
    5. आगरा के 10 किमी के अन्दर एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया जाए जहां आईटी उद्योग व प्रदूशण रहित उद्योग स्थापित हो सकें।
  7. वाहनों से होने वाले प्रदूशण को रोकने के लिये विजन डक्यूमेन्ट में पूर्ण योजना बनाई जाये जैसेः-
    1. इनर रिंग रोड का चरणवद्ध तरीके से कार्य पूर्ण किये जाने की समयवद्ध योजना बनायी जाए व उसे विजन डाक्यूमेन्ट में दर्षाया जाए।
    2. आउटर रिंग रोड का निर्माण किया जाए जिससे भारी वाहनों का आवागमन षहर के अन्दर न हो।
    3. वाहनो की फिटनैस ठीक प्रकार से चैक हो और 15 वर्श से अधिक पुराने वाहनों का संचालन बंद हो।
    4. जुगाड़ वाले बाहनों को तुरन्त बन्द कराया जाए।
    5. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा टीटीजेड में उपलब्ध नहीं है। अतः मैट्रों रेल का निर्माण षीघ्र कराया जाये व आगे इसकी चरणबद्ध योजना विजन डाॅक्यूमेन्ट में दर्षायी जाए जिससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो।
    6. आगरा में नया सिविल टर्मिनल घोशित है अतः इस टर्मिनल को विजन डाक्यूमेंट में अन्तर्राश्ट्रीय हवाई अडडा बनाये जाने की बात रखी जाए जिससे बाहर के वाहनों का आवागमन कम हो सके।
  8. ढांचागत सुविधाओं का निर्माण कराना आवष्यक है परन्तु निर्माण ग्रीन कन्सट्रक्षन से हो जिससे भारी मात्रा में उड़ने वाली धूल पर नियन्त्रण हो सके व योजनाओं को निर्धारित समय पर पूर्ण किया जाए।
  9. सड़कों को धूल मुक्त रखा जाए व उनके आसपास हरियाली लगाई जाये ताकि ताज संरक्षित क्षेत्र में पीएम का उत्सर्जन नियन्त्रित हो सके। सड़कों की सफाई झाडू से न करके मषीनों द्वारा कराई जाए।
  10. कूड़ा निस्तारण की योजना बनाई जाए।
  11. ई-वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित किया जाए इस हेतु ताज संरक्षित क्षेत्र में ई-वाहनों के क्रय पर विषेश छूट प्रदान की जाए।
  12. ताज संरक्षित क्षेत्र में लगभग 195 स्मारक है जिनके आसपास अतिक्रमण हो रहा है तथा नियमों का उल्लघन कर अवैध निर्माण किये जा रहे है। उन्हें रोकने के लिए विजन डाक्यूमेन्ट में योजना दर्षायी जाए।
  13. षहर से पूर्व टीटीजेड में सघन वृक्षारोपण किया जाए तथा अधिक से अधिक संख्या में जलाषयों का निमार्ण किया जाए।
  14. माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए दिषा निर्देषों के अनुपालन में उद्योगों द्वारा प्रदूशण के मानकों को पूरा किया जा रहा है। टीटीजेड में पर्यावरण संरक्षण व औद्योगिक विकास किया जाना आवष्यक है जोकि आज के युग में संभव है। उद्योग समाज व पर्यावरण के लिए भार नहीं है बल्कि समाज के लिए उपयोगी व आवष्यक हैं तथा रोजगार सृजन करते है। उद्योगों को प्रदूशण के लिए दोशी न ठहराया जाए।

चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी ने जो देते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए दिशा निर्देषों के अनुपालन में उद्योगों द्वारा प्रदूषण के मानकों को पूरा किया जा रहा है। टीटीजेड में पर्यावरण संरक्षण व औद्योगिक विकास किया जाना आवश्यक है जोकि आज के युग में संभव है। उद्योग समाज व पर्यावरण के लिए भार नहीं है बल्कि समाज के लिए उपयोगी व आवश्यक हैं तथा रोजगार सृजन करते है। उद्योगों को प्रदूषण के लिए दोषी न ठहराया जाए। विजन डाॅक्यूमेन्ट में पर्यटन विरोधी प्रस्तावों को हटाया जाए जैसे वाॅल्यूम 2, में पृश्ठ सं0 25 आईटम नं0 8 और खण्ड 5 में यह सुझाव दिया गया है कि आगरा जिसे सदियों से ताज के नाम से पहचाना व जाना जाता रहा है, को अब नई पहचान देने की आवष्यकता है। अतः अब आगरा की पहचान यहां के पर्यावरण व यहां के लोगों से होनी चाहिए। इस प्रस्ताव का हम विरोध करते हैं। इसे विजन डाॅक्यूमेन्ट से हटाया जाए। ताजमहल आगरा ही नहीं बल्कि प्रदेष व देष की पहचान है। आगरा को सदैव ताजमहल के लिए ही जाना जाए। पृश्ठ सं0 6, आईटम नं0 1 खण्ड 2.9 में दर्षाया गया है कि यमुना नदी में व अन्यत्र मनोरंजन के कार्य न किये जाऐं जिससे अधिक पर्यटक न आए, इसका हम विरोध करते हैं। यदि आवष्यक हो तो ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या सीमित करने के लिए अन्य उपाय किये जाए न कि आने वाले पर्यटकों को मनोरंजन से वंचित रखा जाए। पृश्ठ सं0 8, आईटम नं0 1 खण्ड 2.10 में दर्षाया गया है कि यमुना पर बैराज न बनाया जाए। इसका हम विरोध करते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1996 के आदेष में कहा था कि यमुना पर बैराज बनाया जाए। हमारा सुझाव है कि डाउन स्ट्रीम पर बैराज बनाने का प्रस्ताव दिया जाना चाहिए। जिससे यमुना नदी में निरन्तर जल भराव बना रहे जो कि ताज महल की नींव के लिए आवष्यक है क्योंकि ताजमहल की नींव षाल के तख्तों से निर्मित है जिन्हें लगातार नमी की आवष्यकता होती है। हमारा सुझाव है कि पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए सिकन्दरा से ताजमहल तक रिवर फ्रन्ट का निर्माण किया जाए जिसमें नौका विहार, जल क्रीड़ा आदि मनोरंजन के कार्यक्रम संचालित किये जा सकें। इससे आगरा में पर्यटकों का निवास बढ़ेगा। पृश्ठ सं0 8, आईटम नं0 1 खण्ड -2.10 में यह कहा गया है कि ताज के निकट ताजगंज क्षेत्र में पर्यटकों के प्रोत्साहन को फोकस नहीं करना चाहिए। इससे हम असहमत है। ताजगंज क्षेत्र को इस तरह से विकसित किया जाए कि वहां पर्यटक आने-जाने के लिए आकर्शित हों। होटलों को रैड केटैगिरी में रखा गया है जो न्याय संगत नहीं है क्योंकि होटलों से वायु प्रदूशण नहीं होता है और होटलों द्वारा एसटीपी लगाऐ गए है।

राजेश गोयल ने कहा कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 1996 के आदेश के अनुरूप कोयले व कोक का प्रयोग करने वाले उद्योगों को या तो बन्द कर दिया गया या उन्हें अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया अथवा कोल व कोक के स्थान पर प्राकृतिक गैस को ईधन के रूप में प्रयोग करने वाली इकाईयां ही स्थापित रही हैं। टीटीजेड में उद्योगों का वर्गीकरण पुनः किया जाना चाहिए क्योंकि यहां छोटे छोटे उद्योग हैं तथा सभी उद्योग माननीय उच्चतम न्यायालय व पर्यावरण विभाग द्वारा निर्धारित प्रदूषण के मानकों को पूरा कर रहे हैं। अन्य राज्यों में इन्हीं उद्योगों को जहां पर प्रदूषण के मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है, के सापेक्ष टीटीजेड में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। टीटीजेड में वे सभी उद्योग प्रदूषण मानकों को पूरा करते हुए प्रदूषण से मुक्त हंै। ड्राफ्ट विजन डाक्यूमेन्ट में उद्योगो से सम्बन्धित कई तथ्य अव्यवहारिक, सत्य से परे व त्रुटिपूर्ण है। हमारा सुझाव है कि ड्राफ्ट विजन डाक्यूमेन्ट में वर्गीकरण, अव्यवहारिक, सत्य से परे व त्रुटि पूर्ण तथ्यों को पूर्ण रूप से निरस्त किया जाये।