Meeting on Rain Water Harvesting & Tree Plantation

  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं वृक्षारोपण विषय पर अति महत्वपूर्ण बैठक का किया गया आयोजन।
  • रेन वाटर स्ट्रक्चर चालू रहनी चाहिए।
  • आगरा में क्षेत्रवार जलस्तर की चैम्बर ने मांगी जानकारी।
  • चैम्बर की समस्त उद्यमियों से अपील अपने कारखानों के क्षेत्र में करें वृक्षारोपण।
  • भूगर्भ जल की समस्या अगर यही हालात रहे तो आने वाली पीड़ी की आंखों में ही दिखेगा पानी।
  • भूगर्भ जल पर पूरे समाज का है अधिकार – कम दोहन करें।
  • घर का पानी घर में और खेत का पानी खेत में पद्धति अपनानी होगी।
  • आगरा को वेटलैंड की नहीं रिजर्वायर की है आवष्यकता।
  • राजस्थान से आने वाले पानी का उचित प्रबन्धन हो।

05 मई, 2023 को सायं 4 बजे रेन वाटर हारवेस्टिंग एवं वृक्षारोपण पर एक अति महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जल संचय एवं भूगर्भ जलस्तर वृक्षारोपण आदि पर गम्भीर चर्चा हुई। रेन वाटर हारवेस्टिंग एवं वृक्षारोपण प्रकोष्ठ के चेयरमैन गोपाल खण्डेलवाल ने कहा कि आगरा में किस क्षेत्र में कितना जलस्तर है। इसकी जानकारी भूगर्भ जल विभाग से मांगी जाये। चैम्बर द्वारा सभी उद्यमियों से अपील की गयी कि वे अपनी फैक्ट्री के क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण करें।
चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि जलसंचय, जल के दुरुपयोग को रोकने, तालाब को कब्जा मुक्त करने पर प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जायें। पूर्वअध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि वृक्षारोपण की शुरुआत अपने घर, कॉलोनी, फैक्ट्री से की जाये। प्रत्येक सदस्य अपने-अपने निवास व कार्यक्षेत्र में कम से कम 5 वृक्ष नगाये तथा उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उठायें। अधिवक्ता के. सी. जैन ने कहा कि भूगर्भ जल पर पूरे समाज का अधिकार है। अतः भूगर्भ जल का दोहन आवश्यक रुप से ही किया जाये। घर का पानी घर में और खेत का पानी खेत में रुके। यह प्रणाली अपनानी चाहिए। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढ़ी की आंखों में ही पानी दिखेगा। वरिष्ठ संवाददाता राजीव सक्सेना ने कहा कि आगरा को वेटलैंड की आवश्यकता नहीं है बल्कि यहां रिजर्वायर की आवश्यकता है। राजस्थान से आने वाले पानी का संचय ठीक ढंग से हो। इसकी योजना बने भूगर्भ जल के दोहन को रोकने के लिए सरकार द्वारा टेप वाटर की आपूर्ति पूरी तरह की जायें। अधिवक्ता अनिल गोयल (पर्यावरण मित्र) ने कहा कि जल संचय एवं वृक्षारोपण हेतु हमें छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए। सभी जगह जहां खाली देखें वहीं पर पेड़ लगायें। आगरा विकास प्राधिकरण पर दवाब बनाये कि रेन वाटर हारवेस्टिंग भवन निर्माण में अनिवार्य के साथ-साथ इसे पूरी तरह लागू करें केवल कागजों पर नहीं। यह भी व्यक्त किया गया कि आगरा के चारों ओर पर्याप्त जल है किन्तु प्रबन्धन न होने से जलस्तर प्रतिवर्ष गिरता जा रहा है। इस पर एक विजन डॉक्यूमेंट बनें। शहर के सभी पार्कों में वर्षा जल को संचय करने की व्यवस्था बनें।

चैम्बर अध्यक्ष राजेष गोयल ने कहा कि यमुना नदी सबसे बड़ी वाटर वॉडी है। किन्तु 91 प्रतिषत यमुना केवल 1.3 मीटर गहरी है। अतः इसकी सफाई षीघ्र कराई जायें। प्रषासन से यह भी जानकारी मांगी गयी कि ककरेंठा में 700 एकड़ भूमि पर विकसित किये जा रहे वन में पूर्व में लगे वृक्ष किस प्रजाति के हैं और उनका क्या होगा।

बैठक का संचालन प्रकोश्ठ चेयरमैन गोपाल खंडेलवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्वअध्यक्ष मनीश अग्रवाल ने किया।

बैठक में चैम्बर अध्यक्ष राजेष गोयल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, प्रकोश्ठ चेयरमैन गोपाल खंडेलवाल, पूर्वअध्यक्ष मनीश अग्रवाल, अधिवक्ता के सी जैन, अधिवक्ता अनिल गोयल, सुषील बंसल, नीरज गुप्ता, मनीश बंसल, राजीव सक्सेना, महेष वार्श्णेय, संजय गोयल आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।