Agra City Railway Station

  • सिटी स्टेशन को संरक्षित करने के लिए चेंबर निरंतर प्रयासरत 
  • स्टेशन पर विस्तृत जानकारी के साथ सूचना पट्ट लगाने की मांग 
  • सूचना पट्ट की मांग पर सीई/जी ने जताई असहमति – नहीं है पैसा
  • अपने पैसे से सूचना पट लगाने के लिए चेंबर तत्पर
  • रेलवे के चीफ इंजीनियर (जनरल) प्रयागराज जॉन को लिखा पत्र
चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आगरा का  सिटी स्टेशन प्राचीनतम स्टेशनों में से एक है।  यह 118 साल पहले स्थापित हुआ था।  शहर के मध्य में होने से यह शहरवासियों के लिए रेल यात्रा के लिए बहुत ही सुगम है।  पूर्व में यहां से लगभग हर गंतव्य के लिए गाड़ियों का संचालन होता रहा है।  इस स्टेशन से आगरा शहर की स्मृतियां जुड़ी हुई है।  इस स्टेशन को हेरिटेज के रूप में सुरक्षित किया जाना आवश्यक है।  इस स्टेशन को संरक्षित करने के लिए चैंबर द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।  इस स्टेशन की इमारत को रखरखाव के साथ और अधिक बेहतरीन व सुंदर बनाने, खाली जमीन पर सघन वृक्षारोपण करने, इमारत की डेंटिंग पेंटिंग कराकर आगरा के दर्शनीय स्थलों के प्रतीकों के साथ इसे खूबसूरत बनाने के संबंध में चैम्बर द्वारा माननीय रेल मंत्री, भारत सरकार,  डीआरएम आगरा, चेयरमैन रेलवे बोर्ड, माननीय सांसद राजकुमार चाहर, माननीय केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, माननीय राज्यसभा सांसद श्रीमान हरिद्वार दुबे, माननीय आगरा महापौर श्रीमान नवीन जैन को पत्र प्रेषित किए गए हैं।
आगरा के वरिष्ठ पत्रकार  राजीव सक्सेना ने बताया कि आगरा सिटी स्टेशन महानगर के जनजीवन के लिए महत्वपूर्ण स्टेशन रहा है।  इसके एक छोर का ट्रैक जहां यमुना नदी पर बने स्ट्रैची ब्रिज पर से होकर गुजरता है वहीं दूसरे छोर का ट्रैक महानगर की घनी आबादी वाले भाग से भूमिगत टनल से होकर निकलता है।  इसी के साथ स्टेशन की इमारत का पुरातन लुक है जो पर्यटकों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी  बरबस आकर्षित करता है।  इस स्टेशन को संरक्षित करने की मांग रेलवे से की हुई है।  किंतु भारतीय रेल के (एनसीआर डिवीजन) के सी ई ( जनरल) इंजीनियर डिपार्टमेंट ने इस स्टेशन को संरक्षित करने के लिए अपनी स्पष्ट अनुमति देने के स्थान पर केवल रेलवे स्टेशन भवन के रखरखाव के उपयुक्त होने संबंधी औपचारिकता टिपण्णी की है।   राजीव सक्सेना ने आगे बताया कि सी ई  (जनरल) इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की इस टिप्पणी के बाद उन्होंने स्टेशन बिल्डिंग के बाहर स्टेशन के इतिहास की जानकारी के लिए “अंकित पट” भी लगवाने का अनुरोध किया जिसे विभाग  ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इस पर कोई ही धन खर्च करना अनुपयुक्त है।
चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि सी ई (जनरल) इंजीनियर डिपार्टमेंट की इस टिप्पणी के बाद चेंबर से उन्हें एक पत्र प्रेषित किया गया है कि हो सकता है कि रेलवे के पास स्टेशन के बारे में “जानकारी पट” लगाए जाने के लिए धन की कमी हो।  लेकिन अगर यह लग जाता है तो जो भी स्टेशन पर आएगा निश्चित रूप से उसकी जानकारी में अभिवृद्धि होगी।  आगरा में तमाम पुरातत्व संपदा हैं उन्हें देखने भले ही कोई आए या ना आए किंतु “जानकारी पट ” जरूर लगा है।  वैसे भी  पर्यटन प्रधानता वाले आगरा महानगर की यह अहम जरूरत है।  उन्होंने आगे बताया कि नेशनल चैंबर रेलवे की ओर से सी ई ( जनरल) द्वारा दी गई जानकारी को संज्ञान में लेकर होर्डिंग  या सूचना बोर्ड पर आने वाले खर्च का दायित्व वहन करने को तत्पर हैं।  पत्र में सी ई (जनरल) से यह निवेदन किया गया है कि सूचना पट पर व्यय होने वाले धन की जानकारी चैम्बर को देने का कष्ट करें।  साथ ही उनसे यह अपेक्षा की गई है कि स्टेशन परिसर का सुंदरीकरण, हरियाली आच्छादन एवं अन्य कार्य करवाने की भी आवश्यकता है।  उन कार्यों को भी करवाने के लिए नेशनल चैंबर विचार करने के लिए सहमत है।