व्यवसायिक संपत्तियों पर गृहकर की विसंगतियों पर हुआ मंथन

दिनांक 11-12-2018 को व्यवसायिक संपत्तियों पर गृहकर की गणना में आ रही विसंगतियों पर अपरनगरायुक्त के कार्यालय में एक बैठक हुई। ज्ञातव्य हो कि चैम्बर की मांग पर आगरा के मेयर माननीय श्री नवीन जैन जी द्वारा गृहकर की विसंगतियों के निराकरण हेतु दिनांक 23-4-2018 को एक समिति का गठन किया गया था और उसी के तहत आज इस समिति की बैठक हुई थी।
  • व्यवसायिक संपत्तियों पर गृहकर की विसंगतियों पर हुआ मंथन।
  • चैम्बर के पदाधिकारियों ने सही आकलन की, की माँग ।
  • नगर निगम ने चैम्बर की माँगों पर विचार किये जाने का दिया आश्वासन।
  • पर्यटन नीति के अनुसार होटलों को दिया जाये उद्योग का दर्जा।
बैठक में चैम्बर के पदाधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों के समक्ष माँग रखी कि गृहकर की नियमावली में आवासीय भवनों पर गृहकर की गणना के आधार पर प्राप्त गुणांक से व्यवसायिक भवनों पर गृहकर की गणना की जाती है। इससे यह स्पष्ट है कि आवासीय भवनों पर गृहकर की गणना में नियमानुसार ही जाने वाली समस्त छूटें भी व्यावसायिक भवनों पर गृहकर की गणना में लागू होनी चाहिये जिसे नगर निगम द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। इस विसंगती को नगर निगम के अधिकारियों ने बड़े ही गंभीरतापूर्वक समझा और चैम्बर की इस मांग पर अपना सकारात्मक रूख जताया तथा आश्वासन दिया कि इस पर वे शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करने पर विचार करेंगे। किन्तु एक बार नियमावली का पुनः अध्ययन करेंगे। चैम्बर ने यह मांग भी रखी कि 8 फरवरी 2016 को पर्यटन नीति तथा पुनः फरवरी 2018 में पर्यटन नीति बनी जिसमें होटल को उद्योग का दर्जा दिया गया है अतः नगर निगम को होटलों पर उद्योगों की तरह गृहकर की गणना की जानी चाहिये। होटलों की मंजिलों पर गृहकर की गणना पृथक-2 दर पर की जानी चाहिये। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि इस सम्बन्ध में नगर निगम को कोई अध्यादेश नहीं मिला है। चैम्बर द्वारा लिखित में देने पर इस सम्बन्ध में उनके द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
समिति में नगर निगम की ओर से अपर नगरायुक्त श्री विजय कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी श्री ए.के. सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित थे तथा चैम्बर की ओर से अध्यक्ष राजीव तिवारी, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, अमर मित्तल,  मुकेश कुमार अग्रवाल, राकेश चैहान, विश्नू भगवान अग्रवाल व रवि अग्रवाल उपस्थित थे।