प्रदेश के कबीना मंत्री व भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम भदौरिया का स्वागत

जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को नही लगाने होगें विभागों के चक्कर।
चैम्बर भवन में जीएसटी पर कार्यशाला आयोजित।
जीएसटी विशेषज्ञों ने दी व्यापारियों को विस्तृत जानकारी।
आपका कम्प्यूटर स्क्रीन ही कर निर्धारण अधिकारी होगा

केन्द्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी पर लोगों की भ्रांतियां  दूर करने तथा व्यापारियों को जीएसटी के प्रति जागरूक करने हेतु एक कार्यशाला का आयोजन कल चैम्बर भवन जीवनी मण्डी पर आयोजित किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता चैम्बर नरिन्दर सिंह ने की।
चैम्बर भवन में आयोजित कार्यशाला में विशेष रूप से पधारे सीए आलोक फरसैया ने मौजूद व्यापारियों को जीएसटी के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश में कर में आमूल चूर परिवर्तन होने जा रहा हैं। बिक्री या सेवा का अर्थ हैं सप्लाई ऑफ गुडस एण्ड सर्विस यह टैक्स इण्डिया में पहली बार लग रहा हैं। प्रत्येक व्यापारी को स्टॉक रजिस्टर मेनटेन करना होगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद यदि व्यापारी अपने माल को स्टेट के अन्दर बेचता हैं तो उसे एसजीएसटी व सीजीएसटी लगानी होगी और यदि व्यापारी उसी माल को स्टेट से बाहर बेचता तो उसे सीजीएसटी लगानी होगी। कर विशेषज्ञों का कहना था कि व्यापारियों की खरीद प्रांत से बाहर हैं और बिक्री भी प्रांत के बाहर कर रहा है तो वह उसका रिफंड सीजीएसटी से एडजस्ट करेगा और यदि प्रांत बाहर से खरीद माल को प्रांत के अन्दर बेचता तो उसका एडजस्ट एसजीएसटी व सीजीएसटी से करेगा। व्यापारी को जीएसटीएन पोर्टल पर इस माह की बिक्री का रिटर्न आगामी माह की 10 तारीख, खरीद का रिटर्न 15 तारीख व कर समायोजन का रिटर्न फाइल करना 20 तारीख तक करना अनिवार्य है। जीएसटी में रिवाईज रिटर्न का प्रावधान नही रखा गया है परन्तु भूल होने पर रेक्टीफिकेशन का प्रावधान रखा गया जो 30 सितम्बर तक ही सम्भव हैं।
सीए ब्रजेश वर्मा ने बातया कि यदि जीएसटी 1 जुलाई से लागू होता हैं तो व्यापारी के पास 30 जून तक का बकाया स्टॉक पर कर का रिफंड व्यापारी के पास मौजूद एक्साइज एनवोइज पर किया जाएगा यदि व्यापारी पर एक्साइज एनवोइज उपलब्ध नही हैं तो उसे कुल स्टॉक 40 प्रतिशत रिफंड ही प्राप्त हो सकेगा। व्यापारी को माल परिवहन के लिए वे बिल अवश्य लगाना होगा और यदि व्यापारी वे बिल नही लगाता हैं तो पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
व्यापारी को जीएसटी के लिए इल्कट्रोनिक कैश लेजर, इल्कट्रोनिक क्रेडिट लेजर एवं इल्कट्रोनिक लायबिलिटीज लेजर जीएसटी पोर्टल पर मेनटेन करने होगें। उन्होने बताया कि अब किसी भी व्यापारी का स्टॉक रजिस्टर गुप्त नही रहेगा और जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को विभागों के चक्कर नही लगाने पड़ेगे। आपका कम्प्यूटर स्क्रीन ही कर निर्धारण अधिकारी होगा।