जीएसटी पर शिविर का आयोजन

दिनांक 9 अक्टूबर 2018, ‘चैम्बर सभागार’ में वस्तु एवं सेवा कर पर एक शिविर का आयोजन चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी जी की अध्यक्षता में किया गया। विभाग से श्री आर.के. पाण्डे, अपरायुक्त ग्रेड-2, संयुक्तायुक्त श्री मिथलेश शुक्ला,  आयूब अली, के.एन. पाल तथा उपायुक्त श्री पुन्डीर एवं श्री शुक्ला जी उपस्थित थे। जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष श्री अमर मित्तल द्वारा बैठक का संचालन किया गया तथा जीएसटी तकनीकी जागरूकता प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री आलोक फरसैया जी द्वारा जीएसटी में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों के संबध में एक प्रतिवेदन के माध्यम से अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया। प्रति संलग्न। 
 
संयुक्त आयुक्त श्री मिथलेश कुमार गुप्ता जी ने समस्याओं के समाधान में बताया कि व्यापारी अपनी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए अपने खण्ड के उपायुक्त से सम्पर्क कर सकते है वह समस्याओं के समाधान हेतु सक्षम हैं। क्रैडिट मिसमैच के आधार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है और न भविष्य में होगी। जीएसटीआर-1 से  मिलान सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि यह कार्य लम्बित किये जाने पर भविष्य में सम्भव नहीं हो सकेगा। जुरिस्डिक्शन के संबध में जानकारी दी कि जीएसटी व सीजीएसटी में कार्यवाही एक साथ न करके पृथक-2 ही की जा रही है। संयुक्त आयुक्त अयूब अली ने व्यापरियों को संकेत दिया कि वे कर जमा करते समय जमा की रसीद अवश्य प्राप्त कर लें। संयुक्त आयुक्त श्री के.एन. पाल ने आरएफआईडी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह सिस्टम पूरे देश में प्रथमतः उत्तर प्रदेश में लागू किया जा रहा है। चारो ओर बार्डर पर टाॅवर लगाये गए है जो ट्रकों पर लगे टैग से उनके आवागमन को, ई-वे बिल व उसकी माल जानकारी को रीड करके सर्वर पर सूचित करेंगे। यह प्रणाली 1 नवम्बर 2018 से लागू होने जा रही है। इस पर व्यापारियों अनुरोध किया कि प्रान्त बाहर से देश के सुदूर शहरों से आने वाले वाहन स्वामियों को इसकी जानकारी नहीं है। इससे माल का आवागमन रूक जायेगा और व्यापार अवरूद्ध हो जायेगा। वीरेन्द्र गुप्ता ने अनुरोध किया कि यह प्रणाली सम्पूर्ण देश में लागू किये जाने पर ही उत्तर प्रदेश में लागू की जाए। अधिकारियों द्वारा इस सकारात्मक रूख अपनाया गया और सुझाव अग्रसारित करने का आश्वासन दिया। चैम्बर इस संबध में प्रत्यावेदन द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा। ई-वे बिल में मामूली त्रुटि जिसमें करापवंचना की मंशा नहीं है पर माल को नहीं रोका जाएगा और बताया कि यदि किसी ट्रक में विभिन्न बिल्टियों में कुछ बिल्टियां संदेह के दायरे में है और जिनकी वजह से वह वाहन व माल को सीज किया हुआ है में से यदि वाहन स्वामी की सहमति से दूसरे वाहन में सही बिल्टियों के माल को ले जाया सकता है। किन्तु संदेहजनक बिल्टियों के माल को और उस वाहन को नियमानुसार डिटेन किया जाएगा। 
विश्नू भगवान अग्रवाल जी ने अवगत कराया कि कम्पोजिट योजना के अन्तर्गत कारोबार की सीमा डेढ़ करोड़ कर दी गई है और समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो चुका है। किन्तु अध्ययादेश जारी नहीं किया गया है जिससे निकट भविष्य में कभी व्यापार में समस्या आ सकती है। अतः आपसे निवेदन है कि इस संबध में अध्ययादेश जारी किया जाए।
प्रश्न उत्तर सत्र के दौरान व्यापारियों को आ रही विभिन्न समस्याओं का उत्तर अधिकारियों द्वारा बड़े ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया गया। सभी का रूख सकारात्मक था। 
अपरायुक्त श्री पाण्डे जी ने इस बैठक के लिऐ चैम्बर के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि ईमानदार व्यापारियों के हम सदैव साथ है। उन्हें किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए हम तत्पर हैं।  पूर्व अध्यक्ष श्री अमर मित्तल जी ने धन्यवाद देते हुए अनुरोध किया कि विभाग के अधिकार हर तीन महीने में बैठक का आयोजन करें जिससे व्यवहारिक समस्याओं में विभाग रूबरू हो सके और व्यापारियों को नई जानकारियों प्राप्त हो सकें। 
बैठक में चैम्बर के अध्यक्ष राजीव तिवारी, उपाध्यक्ष मुरारीलाल गोयल, कोषाध्यक्ष सुनील सिंघल, पूर्व अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, विनोद गुप्ता, अशोक कुमार गोयल, अशोक अरोरा, प्रमोद कुमार अग्रवाल, राकेश सिंघल, अशंुल कौशल, पंकज शर्मा, सज्जन मिश्रा, राहुल राना, मनीष बंसल, शशि कांत, मोहित गर्ग, सतीश कुमार गुप्ता, राजकुमार भगत, मनोज कुमार गुप्ता, राजेन्द्र गर्ग आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।