आय घोषणा योजना 2016

यह भगवान का दिया हुआ अवसर है आप इसमें सहयोग करें और देष के विकास में बने भागीदार – अनुराधा मिश्रा, प्रधान आयकर आयुक्त।

आयकर विभाग ने बतायी माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बात।

  • नागरिकों को नहीं माने कर चोर।
  • उन्हें मानें हैंग हैंडलिंग।
  • 125 करोड में से केवल 5 करोड हैं करदाता।
  • 1.5 लाख करदाता है 50 लाख से ऊपर।
  • यह सूचना उत्पन्न करती है संदेह।
  • 30 सितम्बर तक अघोषित आय को घोषित करने का स्वर्णिम अवसर।
  • जितनी आय की घोषणा करेंगे विभाग उसे ही मान लेगा सही।
  • किसी भी प्रकार की नहीं होगी पूछताछ।
  • सूचना रखी जायेगी गोपनीय।
  • किसी दूसरी एजेंसी को नहीं दी जायेगी कोई जानकारी।
  • आय की घोषणा करनी होगी एक बार – पुनः नहीं।
  • 31 मार्च, 2016 तक खरीदी गयी कोई भी संपत्ति की जा सकती है घोषित।
  • ‘‘मैं नहीं चाहता कि 30 सितम्बर के बाद मेरे देष के नागरिकों को कोई हो तकलीफ।’’
  • इस योजना में अघोषित आय पर कुल करदेयता होगी 45 प्रतिषत।
  • 30 सितम्बर के बाद अघोषित आय पर 300 प्रतिषत तक हो सकती है करदेयता।
  • 30 नवम्बर तक आयकर जमा न करने पर अघोषित आय की घोषणा हो जायेगी अवैध।
  • आयकर विभाग के हर अधिकारी को एक वर्ष में दो प्रोसिक्यूषन करने की है बाध्यता।
  • आयकर विभाग अब सेवा विभाग के रूप में कार्य कर रहा है।
  • चैम्बर ने दिया सुझाव – योजना में करदर है अधिक।
  • इस योजना में अभी तक पूरे देष में हुई हैं मात्र 3 घोषणाएं।
  • राजनेताओं एवं नौकरषाहों को भी लिया जाये करदेयता के अंतर्गत।
  • विकसित देष के लिये बदलनी होगी हमें अपनी सोच।
  • आयकर भवन में सुविधा केंद्र से प्राप्त करें सहयोग।

महोदय,

दिनांक 01-07-2016 को प्रातः 11.00 बजे जीवनी मंडी स्थित चैम्बर सभागार में चैम्बर अध्यक्ष अषोक कुमार गोयल की अध्यक्षता में प्रधान आयकर आयुक्त, आगरा श्रीमती अनुराधा मिश्रा, आई.आर.एस. एवं आयकर के षीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजन किया गया है जिसमें चैम्बर के आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूरन डावर न प्रधान आयकर आयुक्त महोदया को आयकर से संबन्धित विभिन्न मुद्दों पर 8 सूत्रीय एक विस्तृत प्रतिवेदन भी दिया गया (प्रति संलग्न)। आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस बैठक में हम आपको माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बात बताना चाहते हैं जो देष के आर्थिक विकास को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। आयकर विभाग और आप एक दूसरे के पूरक/सहयोगी हैं। विभाग द्वारा माननीय प्र्रधानमंत्री की मन की बात बताते हुए कहा कि जिन नागरिकों द्वारा अभी तक अपनी आय की घोषणा नहीं की है उन्हें एक अवसर प्रदान किया जायें। इस हेतु विभिन्न औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों, आयकर विषेषज्ञों के संगठनों के साथ मा0 वित्त मंत्री महोदय द्वारा विचार विमर्ष करने के उपरान्त इस योजना को तैयार किया गया है। 125 करोड के देष में केवल 1.5 लाख करदाता ऐसे हैं जिन्होंने 50 लाख से ऊपर की आय घोषित की है यह आकंडा विसंगति का संदेह उत्पन्न करता है। इसी के मद्देनजर आय घोषणा योजना बनायी गयी है। प्रधानमंत्री जी ने अपील की है कि मेरे देष के नागरिकों को कर चोर नहीं मानें। उनके साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखें। इस योजना के अंतर्गत मेरे देष के नागरिकों को एक अवसर प्रदान किया जाये जिसके अंतर्गत 01 जून 2016 से 30 सितम्बर 2016 तक का समय प्रदान किया गया है। इस समय में वे नागरिक जिन्होंने 31 मार्च, 2016 तक जिस संपत्ति का क्रय किया है और क्रय के दौरान कुछ मूल्य नकद में किया गया है जिसे वैल्यू में प्रदर्षित नहीं किया गया है कि घोषणा 30 सितम्बर 2016 तक कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत अघोषित आय पर 45 प्रतिषत कर जमा करके उसे घोषित आय बनाया जा सकता है। इस घोषित आय की जानकारी आयकर विभाग द्वारा पूर्णरूप से गोपनीय रखी जायेगी। किसी भी दूसरी एजेंसी को सूचना अग्रसारित नहीं की जायेगी। इस योजना के अंतर्गत जो नागरिक जितनी आय घोषित करेगा उसे ही वास्तविक आय मान लिया जायेगा और उस संदर्भ में कोई अग्रिम पूछताछ नहीं की जायेगी। यह घोषणा एक बार ही होगी पुनः घोषणा के लिये बाध्य नहीं किया जायेगा। 30 सितम्बर के बाद विभागीय कार्यवाही में संभवतः कर की देयता 300 प्रतिषत तक हो सकती है। अतः इस समस्या से बचने के लिये 30 सितम्बर तक 45 प्रतिषत कर जमा करके छुटकारा पाया जा सकता है। 30 सितम्बर तक घोषित आय पर आयकर 30 नवम्बर से पूर्व ही जमा करना होगा अन्यथा आय की घोषणा अवैध हो जायेगी और उस पर विभागीय कार्यवाही की संभावना होगी। बैठक का संचालन करते हुए चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बताया कि यह योजना वास्तव में एक अच्छी योजना है हमारे लिये एक स्वर्णिम अवसर है इसका लाभ हमको लेना चाहिये। साथ ही बताया कि 30 जून 2016 को जारी परिपत्र में एसोचैम, पीएचडी चैम्बर्स, विभिन्न बार एसो0 एवं चार्टड एकाउंटेंट एसो0 ने यह पूछा था कि इस योजना में घोषित आय सेवाकर विभाग, एक्साइज, वैट, कंपनी लाॅ, सेवी में क्या कोई कार्यवाही नहीं होगी। ज्ञात रहे कि सेवाकर, एक्साइज, वैट, कंपनी लाॅ, सेवी केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। इनमें भी ऐसी आय की पूछताछ नहीं होनी चाहियेे। इस पर माननीय वित्त मंत्री महोदय ने यह कहा कि इस योजना में आयकर, धनकर और पैनल्टी प्रोसिक्यूषन की छूट रहेगी और क्योंकि यह सूचना गुप्त रखी जायेगी अन्य विभागों के इसका पता ही नहीं लग पायेगा। पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि हमें हर विभाग और में बैलेंससीट दाखिल करनी होती है जिससे यह सूचना स्वतः ही आ जाती है। इसमें सेवाकर, वैट विभाग आदि सक्रिय हो जायेंगे और करदाताओं को उन कानूनों में उत्पीडन होगा। श्री वर्मा ने प्रधान आयकर आयुक्त महोदय से मांग की कि केंद्र सरकार को अपने सारे संबन्धित कर विभागों को इस प्रकार की घोषणा पर कोई अन्य कार्यवाही न होने देने का आष्वासन दिलाना चाहिये। ऐसी राय चैम्बर के ओर से मा0 वित्त मंत्री महोदय को दी जाये तभी इस योजना में गति आ सकती है। अभी व्यापारी भयभीत है। आयकर की इम्यूनिटी मिल रही है। किंतु अन्य विभागों की ओर से वित्त मंत्री महोदय ने कोई आष्वासन नहीं दिया है।

बैठक में धन्यवाद ज्ञापन सी.ए. दीपेन्द्र मोहन द्वारा किया गया।

बैठक में आयकर विभाग की ओर से प्रधान आयकर आयुक्त के अतिरिक्त संयुक्त आयकर आयुक्त श्रीमती बेलू सिन्हा, संयुक्त आयकर आयुक्त सुबीर चर्टजी, सहायक आयकर आयुक्त योगेन्द्र मिश्रा, आयकर अधिकारी आर.एस. तिवारी, अम्बरीष कौषिक उपस्थित थे।

बैठक में चैम्बर अध्यक्ष अषोक कुमार गोयल, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूरन डावर, उपाध्यक्ष द्वय गिरीष चंद गोयल, राजेष अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष के0के0 पालीवाल, सत्यप्रकष फरसैया, के0सी0 अग्रवाल, सोहन लाल जैन, अमर मित्तल, अनिल वर्मा एवं सदस्य राहुल राना, अवनीष कौषल, मयंक गर्ग, मनीष कुमार गुप्ता, प्रहलाद कुमार अग्रवाल, राजीव तिवारी, राजकिषोर खंडेलवाल, विष्नू भगवान अग्रवाल, सुरेष चंद बंसल, दयाल सरन एडवोकेट, ष्याम मोहन गुप्ता, नवनीत सिंघल, दीपेन्द्र मोहन, विजय कुमार गुप्ता, गोपाल खंडेलवाल, ष्याम सुन्दर अग्रवाल, एस.सी. गोयल, विष्नू कुमार गर्ग, राजेन्द्र गर्ग, षैलेन्द्र बंसल, डा0 सुदर्षन सिंघल, अनिल अग्रवाल, रामरतन मित्तल, विजय कुमार अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार जैन, टी.एन. अग्रवाल, आलोक फरसैया, रामबाबू अग्रवाल, महेन्द्र जैन, अनुराग सिन्हा, आलोक कुमार मंगवानी, एमएल अग्रवाल के अतिरिक्त आगरा की विभिन्न औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।