आयकर सर्वे के खिलाफ व्यापारी लामबंद

  • सर्वे के दौरान सरेन्डर के लिए व्यापारियों का किया जाता उत्पीड़न।
  • सर्वे करने की समय सीमा निश्चित करे सरकार।
  • शिवहरे गारमेन्ट के पर हुए सर्वे में अधिकारियों द्वारा किये गए उत्पीड़न का पुरजोर विरोध।
  • मुख्य आयकर आयुक्त से मिलेगा व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल: दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की होगी मांग।

आगरा व आसपास के जनपदों में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा किये जा रहे सर्वे व सर्वे के दौरान पीड़ित व्यापारी के साथ किये जा रहे उत्पीड़न के विरोध में व्यापारी लामबंद हो गऐ और कल एक चैम्बर भवन में हुई बैठक में सभी व्यापारियों ने एक स्वर से उत्पीड़न व जबरन सरेन्डर का दबाब बनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सक्त से सक्त कार्यवाही किये जाने की मांग की तथा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगरा व आसपास के जनपद के व्यापारी मुख्य आयकर आयुक्त से मुलाकात कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
बैठक में मौजूद रवीन्द्रपाल सिंह टिम्मा ने कहा कि इस सरकार में आयकर विभाग द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न ज्यादा हो रहा है और सर्वे के दौरान आयकर अधिकारी व्यापारी के साथ हददर्जे का अभद्र व्यवहार करते हैं तथा कुछ भी न मिलने पर सरेन्डर करने का दबाब बनाते हैं।
बैठक के दौरान एक वक्ता का कहना था कि सर्वे व सर्च ठोस जानकारी के आधार पर किया जाता है लेकिन आयकर अधिकारी लगातार तीन से चार दिन तक सर्वे की कार्यवाही करते हैं जिससे प्रतीत होता है कि विभाग के पास ठोस जानकारियों उपलब्ध ही नहीं थी। वक्ता कहना था कि सरकार को सर्वे की समय सीमा तय की जानी चाहिए। जिससे विभाग के अधिकारी व्यापारी का उत्पीड़न न कर सकें।

फिरोजबाद से आयी शिवहरे गारमेन्ट के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके प्रतिष्ठानों पर विभाग द्वारा चार दिन तक सर्वे की कार्यवाही की गई और इस दौरान विभाग के अधिकारियों ने मालिकों से लेकर कर्मचारियों तक को बन्धक बना दिया तथा खाना पीना एवं फोन न करने तथा प्राप्त भी नहीं करने दिए गए तक नहीं दिया गया। अधिकारियों ने इस दौरान फर्म स्वामी को मानसिक रूप से काफी उत्पीड़ीत किया तथा अनियमितताऐं पकड़ आने पर बार बार उनके कागजों को खंगाला तथा अंत में सरेंन्डर करने के लिए दबाब बनाया। बयानों में जो बयानदाता कह रहा था उसको रिकोर्ड न कर अन्यथा रिकोर्ड किया गया तथा सरेन्डर के नियमों का घोर उल्लघंन किया गया। महिला उद्यमी के साथ अभददता की गई। महिला उद्यमी द्वारा मांग की गई कि सर्वे के दौरान वीडियों रिकोर्डिंग होनी चाहिए जिससे कि सर्वे के दौरान अधिकारी व्यापारी का उत्पीड़न न कर सकें। आयकर अधिकारियों ने सर्वे के दौरान महिला उद्यमी का व्यापार तक बंद करा दिया जो नियमों के विरूद्ध है। कागज पत्र बिना वेरिफिकेशन के इम्पाउन्ड कर लिए गए। अधिकारियों का कहना था कि हमारे ऊपर बड़े अधिकारियों का दबाब है कि सरेंन्डर कराया जाए।

बैठक में एक वक्ता ने कहा कि चेयरमैन सीबीडीटी द्वारा 26 फरवरी को जारी एक पत्र में देशभर के सभी आयुक्तों एवं अधिकारियों को सर्वे के दौरान व्यापारी का उत्पीड़न न किये जाने की हिदायत दी है तथा साफ लिखा गया है कि व्यापारी को सरेन्डर के लिए दबाब न बनाया जाए।
बैठक में सर्वसमिति से निर्णय लिया गया कि व्यापारियों के खिलाफ आयकर विभाग अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के विरोध में एक बड़ा प्रतिनिधिमण्डल जल्द ही मुख्य आयकर आयुक्त से मिलकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेगा तथा सर्वे की वीडियों रिकोर्डिंग की भी मांग की जाएगी। व्यापारियों द्वारा मुख्य आयकर आयुक्त से मांग की जाएगी कि सर्वे के समय उस स्थान के व्यापार मण्डल के अध्यक्ष व महासचिव की उपस्थिति में सर्वे की कार्यवाही को अंजाम दिया जाए।

बैठक की अध्यक्षता चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी एवं बैठक का संचालन चेयरमैन आयकर प्रकोष्ठ अनिल वर्मा ने किया। बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष विनय मित्तल, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार वाष्र्णेय, पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, शिवहरे गारमेन्टस फिरोजाबाद से उज्जवल गुप्ता, सुधांशु गुप्ता, राकेश कुमार बंसल, विजय कुमार गुप्ता, गोपाल खण्डेलवाल, मनोज अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, विजय बंसल, सुशील चैहान, मीडिया प्रभारी अनूप जिन्दल, राजीव अग्रवाल, राजकुमार भगत, राकेश मोहन, भूपेन्द्र सिंह सोबती, राजेन्द्र गर्ग तथा विभिन्न एसोसियेशनों से चुन्नी लाल गुप्ता, जय प्रकाश अग्रवाल, नरेन्द्र तनेजा, रमनलाल गोयल, वीरेन्द्र अग्रवाल, विश्नू भगवान अग्रवाल, डाॅ0 एस.के. साहानी, डाॅ0 आनन्द राय, नरोत्तम शर्मा, श्याम किशोर गुप्ता, जयप्रकाश अग्रवाल, राजीव चन्देल, रवि प्रकाश अग्रवाल, राज किशोर खंडलेवाल, ललित अरोड़ा, अनूप गोयल, अनुराग सिन्हा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।