- उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी के साथ बैठक।
- श्वेत श्रेणी के उद्योगों को किसी भी अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं किन्तु वह आवासीय परिसर में न हो।
- ग्रीन एवं आॅरेन्ज श्रेणी के उद्योगों पर ऐडहाॅक मोरेटोरियम का अन्तिम डिस्पोजल होने पर होगी स्थिति स्पष्ट।
- दक्ष संस्था द्वारा होता कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अध्ययन के उपरान्त टीटीजैड में उद्योगों के विस्तारीकरण पर स्थिति होगी स्पष्ट।
- सारे आवेदनों का निस्तारण एक माह के अन्तर्गत।
- ताज संरक्षित क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण स्तर लगभग मानको के अनुरूप-पार्टिकुलेट मैटर(कणिका तत्व) स्तर अधिक।
- आॅनलाइन सहमति प्राप्त करने की चैम्बर की मांग को किया स्वीकार। एक माह के बाद मिलना प्रारम्भ होगा आॅनलाइन सहमति।
- प्रदूषण की समस्याओं के निस्तारण हेतु औद्योगिक क्षेत्रों में लगाये जाएगें शिविर।
- समाधान योजना के लिए चैम्बर अनुरोध करेगा सदस्य सचिव/चेयरमैन को।
- सहमति के नवीनीकरण हेतु एक माह पूर्व करें आवेदन।
- यमुना नदी में गंदे नालों के पानी को रोकने की चैम्बर ने की मांग।
- यमुना नदी में डिसिल्टिंग कार्य होगा शीघ्र।
- पाॅलिथीन का न करें प्रयोग-कूड़ा डालें कूड़ेदान में ही।
आज दिनांक 16-06-2017 को सायं 4.00 बजे चैम्बर अध्यक्ष नरिन्दर सिंह एवं पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियन्त्रण प्रकोष्ट के चेयरमैन नरेन्द्र तनेजा की अध्यक्षता में नेशनल चैम्बर के सभागार में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, आगरा के क्षेत्रीय अधिकारी डाॅ0 रामकरन के साथ एक बैठक का अयोजन किया गया जिसमें उद्योगों को विभाग से सहमति प्राप्त करने व अन्य प्रदूषण सम्बन्धी समस्याओं व सुझावों पर एक 10 सूत्रीय प्रतिवेदन के माध्यम से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई
श्वेत श्रेणी के उद्योगों के संबध में क्षेत्रीय अधिकारी महोदय ने बताया कि उन्हें विभाग से किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। इन उद्योगों को केवल विभाग को सूचना देनी होती है। किन्तु ऐसे उद्योग आवासीय परिसरों में नहीं चल रहे हो। आॅरेन्ज एवं ग्रीन श्रेणी के उद्योगों के संबध में बताया कि टीटीजैड में उद्योगों के विस्तारीकरण एवं नवीन स्थापना पर ऐडहाॅक मोरेटोरियम को हटाने का मामला अभी लंबित है। इस मामले के अन्तिम रूप से निर्णय हो जाने पर स्थिति स्पष्ट होगी। अध्यक्ष महोदय ने कहा कि होता कमेटी के अनुसार ताज संरक्षित क्षेत्र में उद्योगों के विस्तारिकरण पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है। इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए डाॅ0 रामकरन जी ने बताया कि होता कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर दक्ष संस्था को अध्ययन करने के लिए दिया गया है। अध्ययन के बाद संस्था की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उद्योगों द्वारा प्रेषित सभी आवेदन पत्रों को निस्तारित कर दिया गया है। क्षेत्रीय अधिकारी महोदय ने उद्यमियों से अपील की कि जिन उद्यमियों ने अभी तक आवेदन नहीं किए है वे शीघ्र आवेदन करें। एक माह के अंतर्गत आवेदनों का निस्तारण कर दिया जाएगा। एनजीटी द्वारा यह अनिवार्य रूप से अनुपालन किए जाने का आदेश है। चैम्बर ने मांग की कि प्रदूषण की सभी समस्याओं को एकल मेज व्यवस्था के अन्तर्गत जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से निस्तारित किया जाए। क्षेत्रीय अधिकारी महोदय ने बताया कि जिला उद्योग केन्द्र द्वारा प्रदूषण विभाग को प्रतिलिपि नहीं भेजी जाती है इसलिए विभाग इस जानकारी से अनभिज्ञ रह जाता है। इस मांग को स्वीकार करते हुए क्षेत्रीय अधिकारी महोदय ने कहा कि उनके अधिकारी जिला उद्योग एवं उद्योग प्रोत्साहन केन्द्र, आगरा पर समय-समय पर उपस्थित होकर समस्याओं को निस्तारित करेंगे। डाॅ0 रामकरन द्वारा चैम्बर को सुझाव दिया गया कि सदस्य सचिव/चेयरमैन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड लखनऊ को समाधान योजना के लिए अनुरोध किया जाए। ताकि जो इकाईयां छूट गई है। वे इस योजना का लाभ ले सकें। जिन इकाईयों द्वारा आवेदन 3 या 5 वर्ष के लिए किया है और उन्हें एक वर्ष के लिए ही सहमति प्राप्त हुई है वे आगामी वर्ष सहमति समाप्त होने से एक माह पूर्व पुनः आवेदन करें। उन्हें नवीनीकरण शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। दोपहिया वाहन सर्विस स्टेशन लगाने पर सहमति की आवश्यकता होगी क्योकि इस सर्विस में जल उत्सर्जन होता है और वाॅटर ट्रीटमेन्ट की आवश्यकता होती है। संक्षिप्त में किसी भी प्रकार के वेस्ट के जनरेट होने पर सहमति की आवश्यकता होती है। चैम्बर ने मांग की कि आॅनलाइन आवेदन किये जाते है अतः सहमति भी आॅनलाइन प्रदान की जाए। इस विषय में बताया गया कि विभाग शीघ्र ही आॅनलाइन सहमति प्राप्त कराने जा रहा है। समस्त मैकेनिज्म तैयार हो गया है। प्रशिक्षण भी हो चुका है। सदस्यों ने मांग की कि यमुना नदी में गंदे नालों के पानी को विभाग द्वारा क्यो नहीं रोका जा रहा है। इस पर जानकारी दी गई कि नगर निगम को बार-बार पत्र लिखे जा रहे है। चैम्बर अध्यक्ष ने मांग की कि विभाग यमुना नदी में डिसिल्टिंग के लिए संबन्धित प्राधिकृतों को सिफारस भेजे। इस पर क्षेत्रीय अधिकारी महोदय ने बताया कि कल ही मण्डलायुक्त महोदय के साथ बैठक में यह तय हो चुका है कि यमुना नदी में डिसिल्टिंग शीघ्र कराई जाए। दक्ष संस्था को अध्ययन करने के लिए कार्य सौंपा गया है। आशा की जाती है कि दक्ष संस्था से रिपोर्ट मिलने पर डिसिल्टिंग का कार्य शीघ्र प्रारम्भ होगा।
विभाग द्वारा यह अपील की गई कि प्रदूषण को रोकने के लिए जनसामान्य की मानसिकता में बदलाव आना चाहिए। अध्यक्ष महोदय ने सभी से अपील की कि वे पाॅलिथिन का प्रयोग न करें। कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें।